Sensex – भारतीय शेयर बाजार की धड़कन

जब हम Sensex, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध 30 बड़े‑से‑बड़े कंपनियों के शेयरों की औसत कीमत, भी कहा जाता है सेंसेक्स की बात करते हैं, तो सोचे बिना नहीं रह पाते कि यह भारत की आर्थिक सेहत का बेंचमार्क है। हर सुबह इस इंडेक्स की दिशा देखकर निवेशक तय करते हैं कि बाजार में बुल या बेयर मूवमेंट है या नहीं। Sensex की छोटी‑छोटी उठ‑पटक कंपनी के परिणाम, नीति बदलाव या वैश्विक घटनाओं से जुड़ी होती हैं, इसलिए इसका अपना एक जीवनचक्र होता है।

Sensex के साथ नजदीकी संबंध रखने वाले दो प्रमुख संस्थान भी समझना ज़रूरी है। पहला है NSE, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, जो बड़ी‑कैप और मिड‑कैप कंपनियों को लिस्ट करता है। NSE का समान‑समय ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म निवेशकों को तेज़ और पारदर्शी लेन‑देन देने में मदद करता है, जिससे बाजार में तरलता बढ़ती है। दूसरा बड़ा खिलाड़ी है BSE, भारतीय स्टॉक मार्केट का सबसे पुराना एक्सचेंज, जहाँ Sensex के सदस्य कंपनी सूचीबद्ध होती हैं। NSE और BSE दोनों मिलकर भारतीय शेयर बाजार की बुनियाद बनाते हैं, और उनके द्वारा पेश किए गए इंडेक्स (जैसे Nifty 50, Sensex) निवेशकों को विभिन्न सेक्टरों की स्फूर्ति का आकलन करने का साधन देते हैं। इसके अलावा, स्टॉक मार्केट, एक व्यापक आर्थिक मंच जहाँ कंपनी के शेयर खरीद‑बेच होते हैं को समझना भी जरूरी है; यह बाजार ही उन कंपनियों की वृद्धि, बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता, म्यूचुअल फंड के प्रवाह और IPO की सफलता को परिभाषित करता है।

इन संस्थानों और इंडेक्स के बीच का सम्बंध कई महत्वपूर्ण अवधारणाओं से जुड़ा है। Sensex को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं: कॉरपोरेट earnings, आर्थिक संकेतक (जैसे GDP growth, PMI), ब्याज दरों में बदलाव और विदेशी निवेश की धारा। जब RBI नीति के तहत रेपो रेट घटता है, तो अक्सर Sensex में उछाल देखना मिलता है क्योंकि कंपनियों की फाइनेंसिंग लागत कम हो जाती है। इसी तरह, जब बड़ी‑कंपनी का क्वार्टरली प्रॉफिट बेहतर बताता है, तो उसके शेयर की कीमतें ऊपर जाती हैं, जिससे Sensex भी बढ़ता है। इसके विपरीत, अगर वैश्विक बाजार में मंदी या तेल की कीमतों में अचानक उछाल आता है, तो निवेशकों का मन डर से भर जाता है और वे सिक्रेटरी‑सुरक्षित एसेट्स की ओर झुकते हैं, जिससे Sensex गिरता है। इन सबका सार यह है कि Sensex केवल एक नंबर नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक भावना को पढ़ने का एक जीवंत उपकरण है।

अब आप इस पेज पर नीचे मिलने वाले लेखों में देखेंगे कि कैसे हर दिन की समाचारें Sense Sensex को असर करती हैं। कंपनी की मुनाफा रिपोर्ट, बैंकिंग सेक्टर की नई नीतियां, म्यूचुअल फंड की रिटर्न, और IPO की अपडेट सभी इस टैग के अंतर्गत आते हैं। चाहे आप अनुभवी ट्रेडर हों या शेयरों में नए हैं, यहाँ आपको विश्लेषण, बाजार की संभावनाओं और निवेश के actionable टिप्स मिलेंगे। आगे चलकर आप पढ़ेंगे कि किन दिनों में बाजार में अधिक वोलैटिलिटी आती है, कौनसी सेक्टर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, और कैसे आर्थिक डेटा Sensex की दिशा तय करता है। तो चलिए, इन ख़बरों के साथ अपने निवेश की समझ को भी मजबूत बनाते हैं।

Nifty 25,181 पर बंद, Sensex 82,172 — बुलश रैली के पीछे प्रमुख कारक

Nifty 25,181 पर बंद, Sensex 82,172 — बुलश रैली के पीछे प्रमुख कारक
13 अक्तूबर 2025 Anand Prabhu

9 अक्टूबर को Nifty 25,181 और Sensex 82,172 पर बंद हुए, सभी सेक्टरों में बुलिश रैली जारी। प्रमुख कारण: तकनीकी समर्थन, IT और धातु की तेज़ी, और विदेशी निवेश की आस.