साइक्लोन मोंथा: छत्तीसगढ़ में ट्रेन रोक, किसानों की फसलें खतरे में
जब साइक्लोन मोंथा, एक तेज़ हवाओं और भारी बारिश वाला चक्रवात है जो भारत के पूर्वी और मध्य क्षेत्रों को प्रभावित करता है छत्तीसगढ़ के ऊपर से गुज़रा, तो लोगों को सिर्फ बारिश की चिंता नहीं, बल्कि जीवन के आधारभूत स्तंभों का टूटना देखना पड़ा। IMD के अनुसार, 60 किमी/घंटे की हवाएं और 150 मिमी से अधिक बारिश ने वाल्टेयर लाइन की ट्रेनों को रोक दिया। ये ट्रेनें सिर्फ यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि खाद्यान्न, दवाएं और जरूरी सामान ले जाने वाली जीवन रेखा थीं।
छत्तीसगढ़, एक ऐसा राज्य जहां किसानों की फसलें और रेल संचार दोनों ही मौसम की चाल पर चलते हैं के किसानों के लिए यह तूफान एक आपदा बन गया। अभी तक बारिश का इंतज़ार कर रहे गेहूं और सरसों के खेत अचानक बाढ़ में डूब गए। कई किसानों ने बताया कि अगले 24 घंटे में और बारिश होने की आशंका है — ये फसलें बच नहीं पाएंगी। भारतीय मौसम विभाग, जो इस तरह के चक्रवातों की भविष्यवाणी और चेतावनी जारी करता है ने येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया, लेकिन जब तक चेतावनी पहुंचती, तब तक नुकसान हो चुका होता है।
वाल्टेयर लाइन, छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच चलने वाली एक महत्वपूर्ण रेल लाइन जो खनिज और लोगों का आवागमन करती है के बंद होने से स्थानीय बाजारों में सामान की कमी हो गई। बिजली के स्तंभ गिरे, रास्ते बंद हुए, और अस्पतालों तक पहुंचना मुश्किल हो गया। यह सिर्फ एक तूफान नहीं, बल्कि एक ऐसा घटनाक्रम है जो दिखाता है कि हमारी बुनियादी ढांचे कितने कमजोर हैं।
इस लिस्ट में आपको इसी तरह की ताज़ा खबरें मिलेंगी — जहां चक्रवात, बारिश, और उनके असर को ज़िंदा तरीके से दर्शाया गया है। किसानों के संघर्ष, रेलवे के निर्णय, और सरकारी प्रतिक्रिया — सब कुछ एक साथ। यहां कोई नकली खबर नहीं, कोई फैंटेसी नहीं। सिर्फ वही जानकारी जो आपको असली जीवन में तैयार करती है।
साइक्लोन 'मोंथा' ने मध्य प्रदेश में अक्टूबर 2025 के अंत में तापमान में 6°C की गिरावट ला दी, बॉपाल, इंदौर और उज्जैन में ठंडी हवाएँ और बारिश के साथ ऑरेंज-पीला अलर्ट जारी किया गया।