साइक्लोन 'मोंथा' ने मध्य प्रदेश में बारिश और ठंडी हवाएँ लाई, नवंबर 1 तक ऑरेंज-पीला अलर्ट

साइक्लोन 'मोंथा' ने मध्य प्रदेश में बारिश और ठंडी हवाएँ लाई, नवंबर 1 तक ऑरेंज-पीला अलर्ट
30 अक्तूबर 2025 Anand Prabhu

मध्य प्रदेश के आसमान पर एक अप्रत्याशित छाया छा गई — साइक्लोन 'मोंथा' ने अचानक अक्टूबर के अंत तक के गर्म दिनों को बदल दिया। 30 अक्टूबर, 2025 को रात 9:30 बजे, इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (VAID) पर तापमान 25°C रिकॉर्ड हुआ, जबकि आमतौर पर इस समय यहाँ 31°C तक पहुँच जाता है। बारिश नहीं थी, लेकिन हवा में एक अजीब सी ठंडक थी — जैसे कोई बड़ा बादल धीरे से आकाश के ऊपर से गुजर रहा हो। यह सिर्फ एक दिन का बदलाव नहीं था। यह एक बदलाव का इशारा था।

साइक्लोन 'मोंथा' का असर: किन जिलों में बारिश और हवाएँ?

मौसम विभाग ने 'मोंथा' के कारण 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक ऑरेंज और पीला अलर्ट जारी किया। इसका असर सीधे राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों पर पड़ा। खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बेतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांडहूर्ना, सीवन, जबलपुर, कातनी और पन्ना में हल्की बारिश, बिजली चमकना और तेज हवाएँ दर्ज की गईं। ये जिले अक्सर अक्टूबर में सूखे और गर्म रहते हैं — लेकिन इस बार उनकी हवा में नमी घुल गई।

बॉपाल, इंदौर और उज्जैन में तो हवाएँ और भी तेज थीं। उज्जैन का दिन का अधिकतम तापमान केवल 23°C रहा — जो इस महीने के लिए असामान्य रूप से ठंडा है। इंदौर में तापमान 25.1°C रहा, जबकि बॉपाल में 25.2°C। यह आम तौर पर 31°C के आसपास रहने वाला तापमान है। लोगों ने बताया कि शाम को बाहर निकलने में मजा आ रहा था, जैसे अक्टूबर की जगह सितंबर आ गया हो।

तापमान में गिरावट: बीस शहरों में 26°C से कम

मध्य प्रदेश के 20 शहरों में 30 अक्टूबर को दिन का अधिकतम तापमान 26°C से कम रहा। इसमें शामिल हैं: ग्वालियर (24.6°C), धार (24.9°C), पचमढ़ी (24°C), रतलाम (24.6°C), शिवपुरी (24°C), सीहोर (24.4°C)। यह एक ऐसा दृश्य है जो अक्टूबर के अंत तक कभी नहीं देखा गया।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, यह गिरावट साइक्लोन 'मोंथा' के कारण हुई है, जो अरब सागर से उत्पन्न हुआ और उत्तर की ओर बढ़ते हुए राज्य के पश्चिमी हिस्से तक पहुँच गया। यह आमतौर पर अक्टूबर में दक्षिणी भारत के तटीय क्षेत्रों को ही प्रभावित करता है। लेकिन इस बार, यह राज्य के आंतरिक हिस्से तक पहुँच गया।

मौसम के आंकड़े: क्या अक्टूबर 2025 असामान्य रहा?

मौसम के आंकड़े: क्या अक्टूबर 2025 असामान्य रहा?

वेदर25.कॉम के अनुसार, इंदौर में अक्टूबर 2025 में 3 से 8 बार बारिश होने की उम्मीद थी, जिससे कुल 70 मिलीमीटर बारिश होगी। यह आमतौर पर 20-30 मिलीमीटर के बीच होता है। अर्थात, इस महीने की बारिश लगभग दोगुनी है।

क्लाइमेट-डेटा.ऑर्ग के अनुसार, अक्टूबर की शुरुआत में इंदौर का अधिकतम तापमान 31°C था, लेकिन अंत तक यह 25°C तक गिर गया। एक्कूवेदर के अनुसार, 31 अक्टूबर को भी 26.1°C रहने की संभावना थी — जो फिर भी आम से कम है।

इंदौर के लिए अक्टूबर में औसत सूरज के 11.8 घंटे रहने की उम्मीद थी, लेकिन 30 अक्टूबर को आकाश बादलों से ढका रहा। लोगों ने कहा, "हम अक्टूबर के लिए तापमान तैयार थे, लेकिन यह ठंडक... अचानक आ गई। जैसे कोई बर्फ का बादल आ गया हो।"

क्या अगले दिन भी ऐसा ही होगा?

मौसम विभाग का कहना है कि 'मोंथा' का प्रभाव 1 नवंबर तक रहेगा। उसके बाद तापमान धीरे-धीरे सामान्य के नजदीक लौटेगा। लेकिन अगर अरब सागर में एक और उबलता हुआ क्षेत्र बनता है, तो नवंबर के पहले हफ्ते में फिर से बारिश की संभावना है।

इस बार लोगों ने अपने घरों में बर्फ की बोतलें नहीं निकालीं — बल्कि अंगरखे और लंबी चोगा निकाली। बच्चे स्कूल जाते समय छाता लेकर गए। बाजारों में बारिश के लिए तैयार होने के लिए अचानक छाते और बारिश के कपड़े बिकने लगे।

प्राकृतिक चक्र का बदलाव या जलवायु परिवर्तन का संकेत?

प्राकृतिक चक्र का बदलाव या जलवायु परिवर्तन का संकेत?

वैज्ञानिकों के लिए यह घटना चिंता का विषय है। भारतीय मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पिछले 20 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि अक्टूबर के अंत में मध्य प्रदेश के आंतरिक जिलों में इतनी तेज हवाएँ और बारिश हुई।"

क्या यह सिर्फ एक असामान्य घटना है? या यह जलवायु परिवर्तन का एक नया रूप है — जहाँ उष्णकटिबंधीय साइक्लोन अब समुद्र तटों के बाहर भी अपना असर छोड़ रहे हैं? यह सवाल अभी जवाब का इंतजार कर रहा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

साइक्लोन 'मोंथा' ने मध्य प्रदेश को क्यों प्रभावित किया?

साइक्लोन 'मोंथा' अरब सागर में बना और उत्तर की ओर बढ़ते हुए राज्य के पश्चिमी हिस्से तक पहुँच गया। आमतौर पर ऐसे साइक्लोन तटीय क्षेत्रों तक ही सीमित रहते हैं, लेकिन इस बार वायु प्रवाह और समुद्र के तापमान के असामान्य बदलाव के कारण यह आंतरिक क्षेत्रों तक पहुँच गया। यह अक्टूबर में अप्रत्याशित घटना है।

इंदौर में तापमान इतना कम क्यों हुआ?

साइक्लोन के साथ आई नमी और बादलों ने सूरज की किरणों को रोक दिया। इसके अलावा, उत्तरी हवाओं का प्रवाह बढ़ गया, जो ठंडी हवाओं को राज्य के आंतरिक भागों में ले आया। इंदौर का औसत अधिकतम तापमान अक्टूबर में 31°C होता है, लेकिन इस बार यह 25.1°C रहा — लगभग 6°C की गिरावट।

क्या अगले हफ्ते भी बारिश की संभावना है?

मौसम विभाग के अनुसार, 1 नवंबर तक बारिश और हवाएँ जारी रहेंगी। उसके बाद तापमान धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर लौटने की उम्मीद है। लेकिन अगर अरब सागर में एक नया उबलता हुआ क्षेत्र बनता है, तो नवंबर के पहले हफ्ते में फिर से बारिश की संभावना है।

क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?

हाँ, कई वैज्ञानिक इसे जलवायु परिवर्तन का एक संकेत मान रहे हैं। पिछले दशकों में उष्णकटिबंधीय साइक्लोन अक्सर तटीय क्षेत्रों तक ही सीमित रहे, लेकिन अब वे आंतरिक क्षेत्रों तक भी पहुँच रहे हैं। यह वायु प्रवाह और समुद्री तापमान में बदलाव का परिणाम है — जो जलवायु परिवर्तन के साथ बढ़ रहा है।

मध्य प्रदेश के लोगों को अगले कुछ दिनों में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

अगले दिनों में बारिश और तेज हवाओं की संभावना है। लोगों को छाता, बारिश के कपड़े और आपातकालीन बैटरी तैयार रखनी चाहिए। बाढ़ के खतरे वाले क्षेत्रों में घरों के आसपास के नालों की सफाई जरूरी है। बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी जा रही है।

इंदौर में अक्टूबर 2025 में कितनी बारिश हुई?

अक्टूबर 2025 में इंदौर में लगभग 70 मिलीमीटर बारिश हुई, जो आमतौर पर 20-30 मिलीमीटर के बीच होती है। यह दर लगभग दोगुनी है। वेदर25.कॉम के अनुसार, इस महीने में 5-7 बार बारिश हुई, जो आमतौर पर 2-3 बार होती है।

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12 टिप्पणि

Nathan Roberson
Nathan Roberson अक्तूबर 31, 2025 AT 11:02

अच्छा लगा ये ठंडक... इंदौर में तो आज सुबह चाय के साथ जैकेट पहनकर बाहर निकला। अक्टूबर में ऐसा कभी नहीं हुआ। लग रहा है मौसम ने अचानक अपना प्लान बदल दिया।

Thomas Mathew
Thomas Mathew नवंबर 1, 2025 AT 22:14

ये सिर्फ साइक्लोन नहीं है भाई... ये तो जलवायु युद्ध का पहला दौर है। अरब सागर अब सिर्फ बारिश नहीं भेजता... वो हमारे दिमाग को भी ठंडा कर रहा है। और हाँ... बर्फ का बादल नहीं... ये तो बर्फ का बंदूक है।

Dr.Arunagiri Ganesan
Dr.Arunagiri Ganesan नवंबर 2, 2025 AT 06:41

मध्य प्रदेश के लोग अब बर्फ की बोतल नहीं निकाल रहे... अंगरखे निकाल रहे हैं। ये भारत की विरासत है - जहाँ आप गर्मी में भी ठंड के लिए तैयार हो जाते हो। ये बदलाव हमारे जीवन की गहराई को दिखाता है।

simran grewal
simran grewal नवंबर 2, 2025 AT 10:00

अरे भाई, अब तो बारिश के लिए छाता लेकर जाना पड़ रहा है... और ये सब किसकी गलती है? क्या हमने अपने राज्य में पेड़ काटे थे? या फिर किसी ने अरब सागर में टीवी चलाया था?

Vinay Menon
Vinay Menon नवंबर 3, 2025 AT 13:47

मैंने इंदौर में एक दोस्त को फोन किया... उसने कहा, 'भाई, आज बाहर निकलने पर लग रहा है जैसे दिल की धड़कन ठंडी हो गई है।' ये बस तापमान का बदलाव नहीं... ये तो जीवन के एक पल का बदलाव है।

Monika Chrząstek
Monika Chrząstek नवंबर 4, 2025 AT 16:32

कल बाजार में जा रही थी तो देखा एक बुजुर्ग महिला ने अपनी चादर ओढ़ ली... और बच्चे छाता लेकर जा रहे थे। मुझे लगा... हम जीवन को बहुत जल्दी भूल गए हैं। ये बदलाव हमें याद दिला रहा है कि प्रकृति हमारी माँ है।

Vitthal Sharma
Vitthal Sharma नवंबर 4, 2025 AT 23:39

ठंड है। बारिश है। लोग तैयार हैं।

chandra aja
chandra aja नवंबर 5, 2025 AT 21:51

ये सब एक टेस्ट है... जलवायु युद्ध चल रहा है। साइक्लोन 'मोंथा' असल में एक ड्रोन है... जो अमेरिका या चीन भेज रहे हैं। ये नहीं हो सकता कि प्रकृति अचानक बदल जाए। हमारे राज्य के ऊपर कोई सैटेलाइट है।

Sutirtha Bagchi
Sutirtha Bagchi नवंबर 7, 2025 AT 09:26

अरे यार तुम सब इतना बड़ा बना रहे हो... बस एक बारिश हुई है! मैंने तो आज बारिश में बैल्ट लगाकर बाइक चलाई! बर्फ का बादल? अरे भाई, ये तो बस नमी है! चिंता मत करो!

Abhishek Deshpande
Abhishek Deshpande नवंबर 8, 2025 AT 12:27

यहाँ तक कि वेदर25.कॉम के डेटा में भी एक असंगति है - जिसे आपने उल्लेख किया है - और यह डेटा अभी तक किसी ने नहीं जाँचा है। क्या आप जानते हैं कि यह डेटा किस स्रोत से आया है? क्या यह निर्माण किया गया है? यह बहुत गंभीर है।

vikram yadav
vikram yadav नवंबर 9, 2025 AT 01:06

मैं जबलपुर से हूँ - यहाँ आज बारिश के बाद बच्चे गीली धूल में खेल रहे थे। बुजुर्ग लोग चाय पी रहे थे। ये बदलाव डरावना नहीं... ये तो एक नया अध्याय है। हमें सीखना होगा - न कि डरना।

Tamanna Tanni
Tamanna Tanni नवंबर 10, 2025 AT 03:47

हमने बच्चों को स्कूल में बर्फ की बोतलें नहीं लाने को कहा... बल्कि उन्हें गर्म कपड़े पहनने को कहा। ये बदलाव हमारे लिए एक सीख है - न कि एक आपदा। हम अपने घरों को तैयार कर सकते हैं। हम अपने दिलों को भी तैयार कर सकते हैं।

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