वैश्विक बाजारों में 7% तक गिरावट, निफ्टी 24,350 पर: 5 अगस्त के प्रमुख कारण

5 अगस्त 2024
वैश्विक बाजारों में 7% तक गिरावट, निफ्टी 24,350 पर: 5 अगस्त के प्रमुख कारण

5 अगस्त, 2024 को वैश्विक बाजारों में अप्रत्याशित गिरावट देखी गई, जो कुछ सूचकांकों में 7% तक पहुंच गई। इस घटना का भारतीय शेयर बाजार पर भी व्यापक असर पड़ा, जिसके चलते निफ्टी 50 सूचकांक करीब 24,350 के स्तर तक गिर गया। इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारक हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है।

ब्याज दर में वृद्धि

सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है अमेरिकी फेडरल रिजर्व का निर्णय, जिसने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की वृद्धि की घोषणा की। यह कदम वैश्विक वित्तीय जगत में हलचल मचाने वाला साबित हुआ। उच्च ब्याज दरों के चलते उधार लेने की लागत बढ़ गई, जिससे निवेशकों के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। निवेशक अब सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि क्या उन्हें अपने निवेश को कम करना चाहिए।

वैश्विक आर्थिक विकास में चिंता

इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक वृद्धि की चिंताओं ने भी बाजारों में अस्थिरता बढ़ाई है। कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में विकास की गति धीमी पड़ रही है। इससे वैश्विक निवेशकों में बेचैनी बढ़ गई है। बहुत से विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि वैश्विक मंदी का खतरा अब करीब है, जिससे बाजार में भावनात्मक अस्थिरता और बढ़ गई है।

भू-राजनीतिक तनाव

भू-राजनीतिक तनाव

भू-राजनीतिक तनाव ने भी इस गिरावट में बड़ी भूमिका निभाई है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जारी तनाव, जैसे कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध, चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव, और मध्य पूर्व में अस्थिरता ने निवेशकों को संभल कर चलने पर मजबूर किया है।

मुद्रास्फीति का दबाव

मुद्रास्फीति की दरों में वृद्धि भी एक प्रमुख चिंताओं में से एक है। लगातार बढ़ती कीमतों के चलते उपभोक्ता खर्च करने में संकोच कर रहे हैं, जिससे कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ रहा है। बढ़ती लागत के चलते कुछ कंपनियों ने अपने उत्पादन को भी कम कर दिया है, जिससे रोजगार के स्थायित्व पर सवाल खड़ा हो गया है।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों की राय

अस्थिरता की इस स्थिति में विशेषज्ञ अपने निवेश की रणनीतियों के पुनर्मूल्यांकन में जुट गए हैं। वे चेतावनी दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में बाजार इसी तरह की प्रवृत्ति दिखा सकते हैं। जब तक इनमें से कुछ प्रमुख कारकों में सुधार नहीं होता, निवेशकों को संभल कर चलने की सलाह दी जा रही है।

विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ हफ्तों में किसी भी सकारात्मक समाचार से बाजार में थोड़ी स्थिरता आ सकती है, लेकिन कुल मिलाकर यह स्थिति अल्पावधि में मुश्किल भरी बनी रहने की संभावना है।

निष्कर्ष

5 अगस्त, 2024 का दिन वैश्विक वित्तीय बाजारों के लिए ऐतिहासिक गिरावट का दिन साबित हुआ। विभिन्न कारकों के चलते उत्पन्न इस अस्थिरता ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दर बढ़ाने का निर्णय, वैश्विक आर्थिक विकास की चिंताएं, भू-राजनीतिक तनाव, और मुद्रास्फीति के दबाव ने निवेशकों के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि निवेशक और बाजार इन चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे और आते समय में क्या रुख अपनाते हैं।

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