UNGA 2025 में पेटाल गहलोत की तीखी प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान के शहबाज़ शरिफ को चौंका दिया

UNGA 2025 में पेटाल गहलोत की तीखी प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान के शहबाज़ शरिफ को चौंका दिया
28 सितंबर 2025 Anand Prabhu

UNGA 2025 में भारत- पाकिस्तान तनाव का नया मोड़

संयुक्त राष्ट्र महासभा 2025 में कई देशों के नेता अपनी-अपनी नीतियों को पेश कर रहे थे, लेकिन तभी भारत की प्रथम सचिव पेटाल गहलोत ने एक बोल्ड कदम उठाया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरिफ ने मंच पर आतंकवाद के आरोपों पर अपनी बात रखी, जिसे गहलोत ने तुरंत कबूतर कर दिया। उन्होंने शरिफ के भाषण को ‘बेतुकी नाटकीयता’ कहा और भारत के प्रति उनकी रुख़ीनी को खुलेआम चुनौती दी।

गहलोत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान की वह कहानी, जिसमें वह भारत पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाता है, पूरी तरह से तथ्यहीन है। उनका कहना था कि पाकिस्तान खुद ही इस क्षेत्र में अस्थिरता का मुख्य कारण है, और इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस जवाबी बयान ने अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को तुरंत झकझोर दिया और सामाजिक नेटवर्क पर वायरल हो गया।

पेटाल गहलोत की प्रतिक्रिया की मुख्य बातें

पेटाल गहलोत की प्रतिक्रिया की मुख्य बातें

गहलोत के जवाब में कई प्रमुख बिंदु सामने आए:

  • शरिफ के बयान को ‘तर्कहीन नाट्य अभिनय’ कहा, जिससे दर्शाया गया कि उनका बयान ठोस साक्ष्यों पर आधारित नहीं है।
  • पाकिस्तान के निरंतर आतंकवादी ग्रुपों को समर्थन देने के आरोप को दृढ़ता से खारिज किया गया और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से साक्ष्य मांगे गए।
  • भारत की सुरक्षा नीति और सीमा सुरक्षा को लेकर स्पष्टता प्रदान की गई, जिससे यह दिखाया गया कि भारत इस मुद्दे पर सतर्क और तैयार है।
  • गहलोत ने भारत की विदेश नीति की निरंतरता और स्थिरता को भी उजागर किया, जो कि शांति और विकास के लिये आवश्यक है।

यह वार्ता सिर्फ एक शब्दों के आदान‑प्रदान तक सीमित नहीं रही। गहलोत की तीखी और सटीक भाषा ने कई देशों के प्रतिनिधियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि भारत के साथ संवाद कैसे किया जाए। साथ ही, गहलोत की गहरी समझ और तेज़ प्रतिक्रिया ने उनके पेशेवर कौशल को भी उजागर किया, जबकि वह एक कुशल गायक भी हैं।

सारांश में, UNGA 2025 में इस प्रकार की सीधे‑सपाट टकराव ने भारत‑पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को फिर से आग के ग्रिल में रखा। गहलोत की इस प्रतिक्रिया ने न सिर्फ भारत की ओर से एक मजबूत संदेश भेजा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को भी मजबूती दी। यह घटना भविष्य में दोनों देशों के बीच संवाद के तरीके को फिर से आकार दे सकती है।

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