27 मई 2024
शेयर बाजार में नवीनतम घटनाक्रम
भारतीय शेयर बाजार, GIFT निफ्टी के संकेतों के आधार पर, फ्लैट शुरुआत की संभावना है। यह इस खबर के बाद आया है कि अमेरिकी और एशियाई बाजारों ने लाभ देखा। शुक्रवार को, अमेरिकी शेयरों में पुनरुत्थान देखा गया, जिसमें नास्डैक कम्पोजिट इंडेक्स ने लगातार पांचवें सप्ताह वृद्धि दर्ज की और एक नया रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। S&P 500 और डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने भी लाभ देखा।
अमेरिकी बाजारों का पुनरुत्थान
अमेरिकी शेयर बाजार में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण पलटाव देखा गया, जिसने निवेशकों के मनोबल को प्रोत्साहित किया। नास्डैक कम्पोजिट इंडेक्स ने लगातार पांचवें सप्ताह अपने स्तर को बढ़ाते हुए एक नया रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पार किया। S&P 500 और डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में भी उछाल देखा गया, जो निवेशकों के लिए उत्साहजनक था। इस बाजार सुधार का मुख्य कारण उपभोक्ता मुद्रास्फीति पर सकारात्मक दृष्टिकोण था, क्योंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) डेटा ने दिखाया कि दिसंबर में मुद्रास्फीति उम्मीद से अधिक घट गई थी।
विश्लेषकों का मानना है कि यह सुधार उपभोक्ता दृष्टिकोण और मुद्रास्फीति के अपेक्षाकृत स्थिर रहने से प्रेरित हुआ था। अमेरिकी शेयर बाजार में यह सकारात्मकता एक महत्वपूर्ण संकेत है कि बाजार में स्थिरता आ रही है, भले ही ओमिक्रोन और फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति जैसी अनिश्चितताएँ बनी हुईं हैं।
एशियाई बाजारों में मजबूती
एशियाई बाजारों में भी मजबूती देखी गई। प्रमुख एशियाई सूचकांकों ने लाभ दर्ज किया, जिसमें निक्केई 225, शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक शामिल हैं। निवेशकों ने अमेरिकी बाजारों में देखे गए सुधार का स्वागत किया और एशियाई बाजारों में भी विश्वास और सामान्यता की भावना फैली।
भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव
भारतीय इक्विटी सूचकांकों ने उतार-चढ़ाव भरे सत्र के बाद फ्लैट नोट पर समाप्ति की, हालांकि रियलिटी और बैंकिंग क्षेत्र में वृद्धि देखी गई। भारतीय बाजार में यह स्थिति विदेशी बाजारों में चल रहे बदलाव और घरेलू स्तर पर बढ़ते निवेशकों के सेंटीमेंट का मिश्रण थी।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आगे भी भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव बने रह सकते हैं, जिसमें वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू नीतिगत परिवर्तनों का महत्वपूर्ण योगदान होगा। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्कता बरतें और बाजार के उतार-चढ़ावों पर ध्यान दें।
आर्थिक दृष्टिकोण
आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिकी बाजारों में देखे गए सुधार का प्रभाव वैश्विक रूप से सकारात्मक हो सकता है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार और मुद्रास्फीति में कमी निवेशकों के लिए एक अच्छा संकेत है। बावजूद इसके, ओमिक्रोन वेरिएंट और फेडरल रिजर्व की आने वाली नीतिगत फैसलों को देखते हुए बाजार में अनिश्चितता बने रहने की संभावना है।
भारतीय बाजार में, सरकार की ओर से आर्थिक साधनों में स्थिरता और सुधार के कदमों का प्रभाव दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि घरेलू नीतियों में स्थिरता और वैश्विक आर्थिक सुधार का भारतीय निवेशकों के मनोबल पर कारोबार पर सकारात्मक असर होगा।
वित्तीय जगत में निवेश के अवसर
निवेशकों के लिए वर्तमान बाजार स्थिति में विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं। रियलिटी और बैंकिंग सेक्टर में वृद्धि के चलते इन क्षेत्रों में निवेश करना लाभकारी हो सकता है। इसके साथ ही, तकनीकी और स्वास्थ्य क्षेत्रों में भी निवेश का विश्वास बढ़ रहा है।
अमेरिकी बाजारों में सुधार और मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण ग्लोबल निवेशकों का भी भारतीय बाजार में विश्वास बढ़ सकता है। ऐसे में भारतीय निवेशकों को सतर्कता के साथ बाजार में बने रहने और ओमिक्रोन वेरिएंट की स्थिति पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जाती है।