PM Kisan वेरिफिकेशन कैंप गांवों में तेजी से चल रहे, 1 अप्रैल 2026 तक पूरा करना होगा

PM Kisan वेरिफिकेशन कैंप गांवों में तेजी से चल रहे, 1 अप्रैल 2026 तक पूरा करना होगा
20 नवंबर 2025 Anand Prabhu

भारत के हर गांव में अब खेती के लिए जीवनरक्षक धन का दरवाजा खुल रहा है — लेकिन उसके लिए एक छोटी सी जरूरत है: PM Kisan का पूरा वेरिफिकेशन। अगर आप एक किसान हैं और अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन पूरा नहीं किया, तो आपके पास सिर्फ छह महीने का समय बचा है। 1 अप्रैल 2026 के बाद, केवल उन्हीं किसानों को PM Kisan की अगली किस्त मिलेगी, जिनका प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का फॉर्मर रजिस्ट्री पूरा हो चुका हो। ये निर्णय सिर्फ एक अधिसूचना नहीं, बल्कि एक जीवन-मृत्यु का सवाल बन गया है लाखों किसानों के लिए।

कैंपों की बारिश, गांवों में बदलाव

2025 के जुलाई के अंत में, शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, ने नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने न केवल अगली 20वीं किस्त (2 अगस्त, 2025) की तैयारी की समीक्षा की, बल्कि सभी राज्यों को आदेश दिया — हर गांव में वेरिफिकेशन कैंप लगाए जाएं। ये कैंप कोई आम जांच नहीं, बल्कि एक डिजिटल क्रांति हैं। यहां कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs) के कर्मचारी, Krishi Sakhi, Drone Didis, Bank Sakhi, Pashu Sakhi और Bima Sakhi गांव के घर-घर जा रहे हैं। वे किसानों के सामने बैठकर उनके बैंक खाते, आधार लिंकिंग, और जमीन के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं — और तुरंत समस्याएं सुलझा रहे हैं।

कौन आगे, कौन पीछे?

उत्तर प्रदेश में सितापुर जिला अब नंबर वन बन गया है — 74.58% किसानों का रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है। बस्ती (74.24%) और रामपुर (70%) भी इस रेस में आगे हैं। लेकिन राज्य स्तर पर औसत मात्र 54% है। यानी लगभग 1.5 करोड़ किसानों तक ही लाभ पहुंच चुका है। ये आंकड़े बताते हैं कि जहां डिजिटल जागरूकता और स्थानीय नेतृत्व ने काम किया, वहां नतीजे अच्छे हैं। जहां गांव पंचायत ने लापरवाही बरती, वहां अभी तक लाखों किसान बाहर हैं।

पिछले 6 साल का आंकड़ा: ₹3.70 लाख करोड़ तक पहुंचा

फरवरी 2019 में शुरू हुआ PM Kisan योजना अब भारत की सबसे सफल किसान योजना बन चुकी है। अब तक 20 किस्तों में 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को ₹3.70 लाख करोड़ की राशि पहुंच चुकी है। हर किसान परिवार को हर साल ₹6,000, तीन बार ₹2,000 की किस्तों में मिलता है। अगली, 21वीं किस्त 19 नवंबर, 2025 को नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की जाएगी। इस बार लगभग 9 करोड़ किसानों को ₹1,80,000 करोड़ तक की राशि मिलेगी।

झूठे नामों को काटने की कोशिश

झूठे नामों को काटने की कोशिश

ये योजना सिर्फ लाभ नहीं, बल्कि नियंत्रण की भी कहानी है। पिछले 20 किस्तों में कई ऐसे नाम शामिल हो गए थे जो किसान नहीं थे — जमीन नहीं, बस बैंक खाता था। अब वेरिफिकेशन कैंपों के जरिए ऐसे झूठे रजिस्ट्रेशन हटाए जा रहे हैं। लेकिन एक अच्छी खबर ये है: जिन किसानों के नाम गलती से हटा दिए गए थे, वे अब फिर से अपने दस्तावेज जमा कर सकते हैं। एक गांव के किसान राम ने बताया, "मेरा नाम गलती से हटा दिया गया, मैंने ड्रोन दीदी को अपनी जमीन की रसीद दिखाई — तीन दिन में मेरा अकाउंट अपडेट हो गया।" ये वही जादू है जो डिजिटल भारत के नारे से बाहर चल रहा है।

क्यों ये सब इतना जरूरी है?

₹2,000 सिर्फ एक रकम नहीं, बल्कि एक विश्वास है। ये पैसा किसान के लिए बीज, उर्वरक, या बच्चों के फीस का भुगतान करने का साधन बन गया है। एक विश्लेषक के अनुसार, जिन किसानों को ये धन मिला, उन्होंने अपनी खेती में जोखिम भरे लेकिन अधिक लाभदायक फसलों — जैसे ड्रोन स्प्रे के लिए फलदार पेड़, या ऑर्गेनिक खेती — की ओर रुख किया। ये योजना अब सिर्फ सहायता नहीं, बल्कि एक आर्थिक बदलाव का इंजन बन गई है।

अगला कदम: डिजिटल किसान बनाना

अगला कदम: डिजिटल किसान बनाना

उत्तर प्रदेश सरकार अब इसे 'डिजिटल किसान' नीति का हिस्सा बना रही है। ये नीति केवल PM Kisan तक सीमित नहीं — बल्कि बीज, बीमा, ब्याज रहित ऋण, और फसल बीमा तक का एक एकीकृत डेटाबेस बनाना चाहती है। अगर आपका नाम इस डेटाबेस में है, तो आपको अगले कदम में कोई भी योजना बिना अप्लाई किए ऑटोमैटिक मिल जाएगी। ये वही भविष्य है जिसकी आशा है: एक ऐसा भारत जहां किसान को किसी भी ब्यूरोक्रेसी की जरूरत नहीं, बस एक आधार और एक मोबाइल नंबर चाहिए।

क्या होगा अगर आप वेरिफिकेशन नहीं करवाते?

ये सवाल अब हर गांव में पूछा जा रहा है। अगर आपका रजिस्ट्रेशन पूरा नहीं होगा, तो 1 अप्रैल 2026 के बाद आपको अगली किस्त नहीं मिलेगी। ये नियम किसी भी छूट के लिए तैयार नहीं है। लेकिन आपके पास अभी भी समय है — गांव के सरपंच, बैंक सखी, या कृषि विज्ञान केंद्र के ऑफिसर से संपर्क करें। आपको कोई फीस नहीं देनी है। आपको केवल अपना आधार, जमीन का दस्तावेज, और बैंक खाता नंबर देना है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

PM Kisan का वेरिफिकेशन कैसे करें?

आप अपने गांव के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), सरपंच, या ड्रोन दीदी के पास जा सकते हैं। आपको अपना आधार कार्ड, जमीन का रजिस्ट्रेशन दस्तावेज, और बैंक खाता नंबर देना होगा। अगर आपका खाता आधार से लिंक नहीं है, तो बैंक में जाकर लिंक करवाएं। ये सब फ्री है।

अगर मेरा नाम गलती से हटा दिया गया है, तो क्या करूं?

अगर आपको लगता है कि आपका नाम गलती से हटा दिया गया है, तो तुरंत अपने जिला कृषि अधिकारी या KVK के साथ संपर्क करें। आपको अपना जमीन का दस्तावेज और आधार दिखाना होगा। अभी तक 2.3 लाख ऐसे किसानों का नाम वापस जोड़ दिया गया है, जिन्हें गलती से बाहर कर दिया गया था।

क्या छोटे किसान भी इसमें शामिल हो सकते हैं?

हां, बिल्कुल। PM Kisan का लाभ उन सभी किसानों को मिलता है जिनके पास कम से कम एक एकड़ जमीन है, चाहे वह छोटी हो। जमीन का आकार नहीं, बल्कि उसका रजिस्ट्रेशन जरूरी है। अगर आपके पास जमीन है, तो आप अपने नाम को रजिस्टर करवाएं।

21वीं किस्त कब आएगी और कैसे पता चलेगा?

21वीं किस्त 19 नवंबर, 2025 को शुरू होगी। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऑनलाइन शुरू किया जाएगा। आप अपने बैंक खाते में ₹2,000 की ट्रांसफर की सूचना पाएंगे। अगर आपका रजिस्ट्रेशन पूरा है, तो आपके खाते में ये रकम ऑटोमैटिक आ जाएगी।

क्या ये योजना सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए है?

नहीं, ये भारत भर की योजना है। हर राज्य में वेरिफिकेशन कैंप चल रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में इसकी गति सबसे तेज है। अगर आप किसी अन्य राज्य के किसान हैं, तो अपने जिला कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाएं और अपना स्टेटस चेक करें।

क्या अगर मेरे पास आधार नहीं है, तो मैं इसमें शामिल हो सकता हूं?

आधार अनिवार्य है। बिना आधार के आपका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं हो सकता, और फिर आपको PM Kisan की किस्त नहीं मिल सकती। अगर आपके पास आधार नहीं है, तो तुरंत अपने नजदीकी आधार सेंटर पर जाएं। ये प्रक्रिया फ्री है और एक दिन में पूरी हो सकती है।

7 टिप्पणि

Siddharth Gupta
Siddharth Gupta नवंबर 20, 2025 AT 15:12

भाई ये वेरिफिकेशन कैंप तो बिल्कुल जादू हैं! मेरे गांव में ड्रोन दीदी ने मेरे खेत का एयरियल मैप बनाया, आधार लिंक कर दिया, और बैंक खाते में ₹2000 का नोटिफिकेशन भेज दिया। बिना किसी भी भीड़ और बैरोक्रेसी के। अब तो मैं अपनी खेती में ऑर्गेनिक नींबू लगा रहा हूँ - बस इतना ही लगता है कि सरकार ने अच्छा किया।

Anoop Singh
Anoop Singh नवंबर 20, 2025 AT 21:32

ये सब बकवास है भाई। ये वेरिफिकेशन तो सिर्फ एक नया तरीका है गांवों में डेटा कलेक्ट करने का। मैंने अपने चाचा को देखा है - उनका नाम गलती से हटा दिया गया, फिर भी तीन महीने तक उन्हें बार-बार दस्तावेज जमा करने पड़े। और अब ये बोल रहे हैं कि ये डिजिटल क्रांति है? भाई ये तो डिजिटल शोषण है।

Omkar Salunkhe
Omkar Salunkhe नवंबर 22, 2025 AT 00:07

ye sab kya likha hai? PM Kisan ka 3.70 lakh crore? yaar 11 crore farmers ko 6000 rs per year? matlab 66,000 crore hi toh hai, baki ka kahan gaya? aur ye drone didi wala bhi ekdum fake hai, koi drone ne kisi ki zameen ka measurement nahi kiya hai mere gaon mein. ye sab media ka drama hai. aur 1 april 2026? toh phir 2025 mei 21st installment kaise aayega? contradiction hai bhai. ye log toh apne aap ko bhi confuse kar rahe hain.

raja kumar
raja kumar नवंबर 23, 2025 AT 14:37

हमारे गांव में भी यही हुआ है। एक छोटी सी जमीन वाली बुजुर्ग महिला ने अपना आधार लिंक करवाया, बैंक सखी ने उसके लिए एक फॉर्म भर दिया। आज उन्हें पहली किस्त मिली। उन्होंने कहा - अब मेरे बेटे का फीस चुकाने में दिक्कत नहीं होगी। ये योजना किसान के लिए है, न कि किसी डेटाबेस के लिए। बस थोड़ी सी मेहनत और धैर्य की जरूरत है।

Sumit Prakash Gupta
Sumit Prakash Gupta नवंबर 25, 2025 AT 12:14

लुकिंग अट दिस फ्रॉम ए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लेंस, PM Kisan वेरिफिकेशन कैंप्स ए फेसिलिटेटर फॉर डेटा-ड्रिवन इंक्लूजन इन रूरल एकोसिस्टम्स। बिना इंटरऑपरेबिलिटी बिटवीन एग्री-डेटा, बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और एडमिनिस्ट्रेटिव डिजिटल ट्रेल, ये सिस्टम एक फेल्ड-टेस्टेड डिजिटल इंक्लूजन मॉडल है। इंडिया के रूरल डिजिटल एकोसिस्टम में इसका ट्रांसलेशन एक न्यू नॉर्म है।

Shikhar Narwal
Shikhar Narwal नवंबर 26, 2025 AT 12:11

बस एक बात - जिनके पास आधार नहीं है उनके लिए आधार सेंटर तक पहुंचना भी एक चुनौती है। अगर हम वास्तव में किसानों को शामिल करना चाहते हैं, तो इन गांवों में मोबाइल आधार वैन चलाना चाहिए। ये ड्रोन दीदी बहुत अच्छी हैं, लेकिन वो सब नहीं पहुंच पातीं। 🙏🌾

Ravish Sharma
Ravish Sharma नवंबर 27, 2025 AT 19:54

अरे भाई, ये सब बातें सुनकर लगता है जैसे सरकार ने एक बार भी किसान के दिल को नहीं छुआ। जब तक बिना बीज खरीदे ₹2000 का भुगतान हो रहा है, तब तक किसान की जिंदगी कैसे बदलेगी? ये योजना तो एक बड़ा नाटक है - जिसमें किसान नायक हैं, लेकिन उनके पास कोई फील्ड नहीं है। अब तो ड्रोन दीदी भी बस एक ट्रेंड है। लेकिन बारिश नहीं आ रही है, तो ये सब क्या करेगी? 😒

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