8 अक्तूबर 2024
उमर अब्दुल्ला की जीत का ऐतिहासिक दिन
जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नया अध्याय खुल रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला ने घोषणा की है कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। यह घोषणा प्रस्ताविक है कि क्षेत्रीय राजनीति में उमर की पकड़ को मजबूत करने के लिए की गई है। उमर अब्दुल्ला की जीत ने जम्मू-कश्मीर में एक नई शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया है। बुद्धगाम में 36,010 और गांदरबल में 32,727 वोटों के साथ उमर की जीत ने यह संकेत दिया है कि राज्य के लोग अब एक नए परिवर्तन की ओर देख रहे हैं।
बुद्धगाम और गांदरबल में एतिहासिक जीत
उमर अब्दुल्ला की यह जीत केवल संख्याओं की जीत नहीं है; यह जनता का विश्वास है जो नेशनल कॉन्फ्रेंस में वापस आया है। बुद्धगाम में, उन्होंने पीडीपी के उम्मीदवार आगा सैयद मुंतज़िर मेहदी को 18,485 मतों के विशाल अंतर से हराया। वहीं गांदरबल में, उमर ने पीडीपी के बशीर अहमद मीर को 10,574 मतों के अंतर से मात दी। इन नतीजों ने प्रदर्शित किया कि जनता ने अगस्त 5, 2019 को लिए गए फैसले को नकार दिया है और वे बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
कांग्रेस-एनसी गठबंधन की संभावना
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को चुनावों में फायदा हुआ है। हार में पेचीदगियों के बावजूद, गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में है। एक्ज़िट पोल ने उन्हें अग्रणी गठबंधन के रूप में दिखाया है, हालांकि वे स्पष्ट बहुमत नहीं पा सके हैं। इसीलिए कुछ महत्वपूर्ण निर्दलीय उम्मीदवारों से समर्थन की उम्मीद की जा रही है।
ओमर की मुख्यमंत्री के रूप में संभावनाएँ
ओमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने की संभावना से राज्य की राजनीति में स्थिरता आ सकती है। उनके नेतृत्व में, नेशनल कॉन्फ्रेंस जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हो सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि वो क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर फोकस करेंगे और जनता को बेहतर प्रशासन देने की कोशिश करेंगे।
जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र का नया युग
एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की राजनीति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोकतंत्र की राह में जनता की शक्ति सर्वोपरि है। फारूक़ अब्दुल्ला का बयान कि "लोगों ने अपना मैनडेट दिया है", इस बात का प्रतीक है कि जनता ने स्वीकार नहीं किया जो उनके साथ पहले हुआ।
अंततः, उमर अब्दुल्ला की नियुक्ति न केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए संभावित सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत प्रतीत होती है।