
देशभर में मॉनसून का जोर, कई राज्यों में रेड अलर्ट
भारत में मॉनसून ने तेज रफ्तार पकड़ ली है और मॉनसून बारिश की वजह से कई राज्यों में जिंदगी थम सी गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, गुजरात और ओडिशा में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। मुंबई और पुणे में लगातार हो रही मूसलधार बारिश से सड़कें तालाब बन गई हैं। कई इलाकों में जलभराव के चलते गाड़ियां घंटों फंसी रही हैं। लोकल ट्रेन और मेट्रो सेवाएं भी कई बार रुकीं या देर से चलीं, जिससे आम लोगों को ऑफिस टाइम में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा।
केरल में भी मॉनसून ने दस्तक के साथ ही कई जिलों में भारी बारिश शुरू कर दी है। वहां के तटीय इलाकों, खास तौर पर कोच्चि जैसे शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। राहत एवं बचाव दल अलर्ट पर हैं, लेकिन पानी की तेज़ आवक से कई जगह हालात काबू से बाहर होते दिखे।
उत्तर से पश्चिम और पूर्व की तरफ बारिश का फैलाव जारी
मौसम विभाग ने दिल्ली और गुजरात के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है। राजधानी में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। बुधवार रात से ही कई इलाकों में पानी भरने के आसार बताए जा रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों में पहले ही हल्की बारिश और तेज़ हवाओं की शुरुआत हो चुकी है, जिससे तापमान में गिरावट जरूर आई है, लेकिन जलभराव की चिंता लगातार बनी हुई है।
ओडिशा के हालात भी गंभीर होने वाले हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, 24 जून तक लगातार तेज़ बारिश होती रहेगी। वजह है पूर्वी भारत में गंगा के मैदानों में बन रहे कम दबाव का क्षेत्र, जो धीरे-धीरे झारखंड की ओर बढ़ रहा है। इससे ओडिशा, झारखंड और आसपास के राज्यों में बारिश की तीव्रता और ज्यादा बढ़ जाएगी।
कोकण-गोवा समेत पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्रों में बेहद भारी बारिश (24 घंटे में 20 सेमी से ज्यादा) की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों को सतर्क रहने की हिदायत दी है और जगह-जगह बचाव दल तैनात किए हैं।
उत्तराखंड में भी पहाड़ों पर भारी बारिश आने की चेतावनी के चलते छोटे-बड़े नदी नालों के किनारे रहने वाले लोगों को समय रहते सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है। जम्मू-कश्मीर में भी अगले कुछ दिनों में गरज-चमक के साथ बारिश होने वाली है, जिससे तापमान में गिरावट वही, पर बाढ़ जैसी स्थिति की संभावनाएं भी बनी हुई हैं।
पिछले दो दिनों में मॉनसून की प्रगति और अलग-अलग राज्यों में बदलते हालात ने बता दिया है कि बरसात की तैयारी समय रहते करना बेहद जरूरी है। खासतौर पर शहरी इलाकों में, जहां जलभराव आम समस्या हो गई है, मॉनसून का असर हर क्षेत्र पर पड़ रहा है — ट्रांसपोर्ट, स्कूल, ऑफिस या फिर आम जनजीवन पर।
ऐसे में प्रशासन और आम लोगों के लिए इंतजार है कि मॉनसून अपनी रफ्तार कब कम करेगा और हालात सामान्य होंगे।