मॉनसून की रफ्तार: महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, गुजरात और ओडिशा में भारी बारिश का अलर्ट

मॉनसून की रफ्तार: महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, गुजरात और ओडिशा में भारी बारिश का अलर्ट
18 जून 2025 Anand Prabhu

देशभर में मॉनसून का जोर, कई राज्यों में रेड अलर्ट

भारत में मॉनसून ने तेज रफ्तार पकड़ ली है और मॉनसून बारिश की वजह से कई राज्यों में जिंदगी थम सी गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, गुजरात और ओडिशा में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। मुंबई और पुणे में लगातार हो रही मूसलधार बारिश से सड़कें तालाब बन गई हैं। कई इलाकों में जलभराव के चलते गाड़ियां घंटों फंसी रही हैं। लोकल ट्रेन और मेट्रो सेवाएं भी कई बार रुकीं या देर से चलीं, जिससे आम लोगों को ऑफिस टाइम में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा।

केरल में भी मॉनसून ने दस्तक के साथ ही कई जिलों में भारी बारिश शुरू कर दी है। वहां के तटीय इलाकों, खास तौर पर कोच्चि जैसे शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। राहत एवं बचाव दल अलर्ट पर हैं, लेकिन पानी की तेज़ आवक से कई जगह हालात काबू से बाहर होते दिखे।

उत्तर से पश्चिम और पूर्व की तरफ बारिश का फैलाव जारी

मौसम विभाग ने दिल्ली और गुजरात के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है। राजधानी में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। बुधवार रात से ही कई इलाकों में पानी भरने के आसार बताए जा रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों में पहले ही हल्की बारिश और तेज़ हवाओं की शुरुआत हो चुकी है, जिससे तापमान में गिरावट जरूर आई है, लेकिन जलभराव की चिंता लगातार बनी हुई है।

ओडिशा के हालात भी गंभीर होने वाले हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, 24 जून तक लगातार तेज़ बारिश होती रहेगी। वजह है पूर्वी भारत में गंगा के मैदानों में बन रहे कम दबाव का क्षेत्र, जो धीरे-धीरे झारखंड की ओर बढ़ रहा है। इससे ओडिशा, झारखंड और आसपास के राज्यों में बारिश की तीव्रता और ज्यादा बढ़ जाएगी।

कोकण-गोवा समेत पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्रों में बेहद भारी बारिश (24 घंटे में 20 सेमी से ज्यादा) की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों को सतर्क रहने की हिदायत दी है और जगह-जगह बचाव दल तैनात किए हैं।

उत्तराखंड में भी पहाड़ों पर भारी बारिश आने की चेतावनी के चलते छोटे-बड़े नदी नालों के किनारे रहने वाले लोगों को समय रहते सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है। जम्मू-कश्मीर में भी अगले कुछ दिनों में गरज-चमक के साथ बारिश होने वाली है, जिससे तापमान में गिरावट वही, पर बाढ़ जैसी स्थिति की संभावनाएं भी बनी हुई हैं।

पिछले दो दिनों में मॉनसून की प्रगति और अलग-अलग राज्यों में बदलते हालात ने बता दिया है कि बरसात की तैयारी समय रहते करना बेहद जरूरी है। खासतौर पर शहरी इलाकों में, जहां जलभराव आम समस्या हो गई है, मॉनसून का असर हर क्षेत्र पर पड़ रहा है — ट्रांसपोर्ट, स्कूल, ऑफिस या फिर आम जनजीवन पर।

ऐसे में प्रशासन और आम लोगों के लिए इंतजार है कि मॉनसून अपनी रफ्तार कब कम करेगा और हालात सामान्य होंगे।

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13 टिप्पणि

Neha Shetty
Neha Shetty जून 18, 2025 AT 18:31

मॉनसून की तेज़ गति से कई क्षेत्रों में जलभराव देखना चिंताजनक है। सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना अभी सबसे ज़रूरी है, जैसे ऊँचे स्थानों पर शिफ़्ट होना। स्थानीय प्रशासन से निवेदन है कि आपातकालीन राहत का प्रबंधन त्वरित किया जाए। उम्मीद है कि सभी लोग मिलकर इस कठिन समय में एक-दूसरे की मदद करेंगे।

Apu Mistry
Apu Mistry जून 19, 2025 AT 08:24

बारिश का संगीत सुनते‑सुनते मन में कुछ अजीब सा सवाल उठता है कि क्या प्रकृति हमें कभी थकन नहीं देती? जब जलस्तर बढ़ता है, तब हमारे भीतर की धैर्य की परीक्षा होती है। हमें चाहिए कि इस समय में अपने अंदर की शांति को बनाए रखें, नहीं तो बर्वज (burden) बढ़ेगा।

uday goud
uday goud जून 19, 2025 AT 19:31

वाह! मॉनसून ने तो पूरी तरह से जल-धारा का जादू बिखेर दिया है-बिलकुल एक दिल धड़कता हुआ पैलेट! मुंबई की सड़कों पर पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि गाड़ी चलाना अब एक साहसिक खेल बन गया है। इस विपदा को मात देने के लिए प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत बहाली कार्यों को तेज़ी से लागू करे; देर नहीं करनी चाहिए। साथ ही, नागरिकों को भी चाहिए कि वे अपने घरों को ऊँचे स्थल पर रख कर संभावित बाढ़ से बचें। याद रखें, यह समय एकता का है, नहीं तो असहायता का।

Chirantanjyoti Mudoi
Chirantanjyoti Mudoi जून 20, 2025 AT 08:01

बाढ़ की स्थिति में मोबाइल चार्जर को सुरक्षित स्थान पर रखना भी जरूरी है।

Surya Banerjee
Surya Banerjee जून 20, 2025 AT 16:21

सबको याद रहे, जलभराव के समय बचाव दल को सही जानकारी देना बहुत महत्त्वपूर्ण है-जैसे कि किस इलाके में पानी की लहरें सबसे तेज़ हैं। देर तक घर में नहीं रुकें, सुरक्षित जगह पर शिफ़्ट हों। यदि ड्राइवर हैं, तो रूट में मौजूद जलस्तर की जानकारी पहले से अपडेट करके रखें। ऐसा करने से न सिर्फ़ आपकी सुरक्षा बढ़ती है, बल्कि दूसरे लोगों को भी मदद मिलती है।

Sunil Kumar
Sunil Kumar जून 21, 2025 AT 07:37

अरे वाह, मॉनसून ने फिर से हमें ट्रैफ़िक जाम की मुफ्त एनिमेशन दी है। लेकिन मज़ाक़ को छोड़ो, जलभराव से बचने के लिए रूट प्लानिंग में बदलाव ज़रूरी है। यदि आप सार्वजनिक परिवहन इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आधिकारिक एप में रीयल‑टाइम अपडेट देखना फायदेमंद रहेगा। निजी गाड़ी चलाने वालों को सलाह है कि पुराने वाटर‑लेवल मैप का उपयोग न करें, नई रिपोर्ट पर भरोसा करें। इससे देर से होने वाली परेशानियों से बचा जा सकेगा।

Ashish Singh
Ashish Singh जून 21, 2025 AT 17:21

भारतवर्ष में वर्षा समय पर आई है, परन्तु इस अप्रत्याशित जलधारा ने हमारे जनजीवन को अभूतपूर्व चुनौतियों के समक्ष ला दिया है। प्रत्येक नागरिक को यह कर्तव्य प्राप्त है कि वह राष्ट्रीय एकता एवं सहयोग की भावना के साथ इस आपदा को मात दे। प्रशासन द्वारा जारी रेड अलर्ट के अनुसार, सभी को उचित स्थलपर शीघ्रस्थान परिवर्तन करना अति आवश्यक है। इस प्रकार, हमारी सांस्कृतिक परम्पराओं एवं राष्ट्रीय अभिमान को स्थिर रख सकते हैं।

ravi teja
ravi teja जून 22, 2025 AT 05:01

भाई लोग, यत्रा में पानी का लेवल देखते ही लग रहा है जैसे पूल का जल निकासी बंद हो गया हो। ट्रेन या मेट्रो में देर से हो रहा है, तो वैकल्पिक रूट अपनाने में देर न करें। अगर संभव हो तो साइकिल या पेडलर का उपयोग करके थोड़ा फ्रेश हवा ले सकते हैं। आखिरकार, मौसम का मैना नहीं बदल सकते, पर अपनी योजना जरूर बदल सकते हैं।

Harsh Kumar
Harsh Kumar जून 22, 2025 AT 15:34

सभी को नमस्ते 😊! इस भारी बारिश में भी हमें सकारात्मक सोच रखनी चाहिए, क्योंकि सरकार ने राहत कार्य में पूरी ताकत लगा दी है। अगर आप सुरक्षित स्थान पर हैं, तो इस समय को परिवार के साथ मिलकर कुछ नई रेसिपी ट्राय करने में लगाएँ 🍲। साथ ही, सोशल मीडिया पर स्थानीय मदद समूहों को फॉलो करें, ताकि अद्यतन जानकारी मिलती रहे। चलिए, इस चुनौती को मिलकर पार करते हैं! 👍

suchi gaur
suchi gaur जून 23, 2025 AT 08:14

वर्षा की तीव्रता को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि हमारे शहरों की बुनियादी ढांचागत योजना में कई खामियां हैं। 🤔 इस संदर्भ में, सिर्फ़ अलर्ट जारी करना पर्याप्त नहीं, बल्कि दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।

Rajan India
Rajan India जून 23, 2025 AT 18:14

मोनसून के इस दौर में अक्सर लोग सोशल नेटवर्क पर अपने अनुभव साझा करते हैं, जो वास्तविक समय में मददगार साबित होता है। अगर आप डेबल कर रहे हैं तो स्थानीय NGOs के संपर्क में रहें। साथ ही, थोड़ी देर की चाय के साथ आराम लेना भी फायदेमंद होगा।

Parul Saxena
Parul Saxena जून 24, 2025 AT 07:34

हर वर्षा के साथ हमें प्रकृति के साथ एक गहरा संवाद स्थापित करने का अवसर मिलता है, और इस संवाद में हमारी भूमिका केवल शारीरिक संरक्षण तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। जब पानी की लहरें सतह को घेर लेती हैं, तब हमें अपने अंदर की शांति को खोजने की जरूरत होती है; यह शांति हमें चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है। आपदा के समय, समुदाय की एकजुटता से ही सच्ची शक्ति उत्पन्न होती है, इसलिए स्थानीय स्वयंसेवकों और राहत कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करना आवश्यक है। साथ ही, यह विचार करना भी महत्वपूर्ण है कि जलभराव का प्रभाव केवल भौतिक संपत्ति पर नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है, इसलिए इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य सहायता की व्यवस्था भी आवश्यक है। सरकारी योजनाओं में यदि हम पारदर्शिता और समयबद्धता जोड़ें, तो राहत कार्यों की दक्षता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है। यह समझना भी ज़रूरी है कि जलसंरक्षण के लिए दीर्घकालिक उपाय, जैसे नहरों की सफाई और जल निकासी प्रणाली का उन्नयन, भविष्य में ऐसी स्थितियों को घटा सकता है। इस संदर्भ में, स्कूलों और कॉलेजों में जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के बारे में शिक्षा देना भी एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय समुदाय को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे अपने घरों की ऊँचाई बढ़ाने या वैकल्पिक आवासीय विकल्पों को अपनाने के लिए सरकारी अनुदान कार्यक्रमों का लाभ उठाएँ। यदि आपातकालीन निकास मार्ग साफ़ और स्थापित हों, तो बचाव कार्य तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके वास्तविक‑समय में पानी के स्तर की जानकारी साझा करना लोगों को जागरूक रखने में सहायक सिद्ध हो सकता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बाढ़ के बाद स्वच्छता का मुद्दा भी प्रमुख रहता है; जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए वाटर ट्रीटमेंट और स्वच्छता अभियानों को तीव्र किया जाना चाहिए। अंत में, इस पूरे प्रक्रिया में यदि हम अपने अनुभवों को दस्तावेज़ कर के भविष्य में अनुसंधान हेतु उपलब्ध कराएँ, तो भविष्य की पीढ़ियों को इस तरह की आपदाओं के प्रति अधिक तैयार किया जा सकता है। इस प्रकार, सामूहिक प्रयास और सतत योजना के माध्यम से हम इस मॉनसून को केवल एक चुनौती नहीं, बल्कि विकास का मंच बना सकते हैं। इसके साथ ही, स्थानीय व्यवसायों को भी इस समय में उनके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय अपनाने चाहिए। अंत में, हमारी सामूहिक जागरूकता ही इस मौसम को सुरक्षित बनाये रखने की कुंजी है।

Ananth Mohan
Ananth Mohan जून 24, 2025 AT 18:41

सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की समयबद्धता और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी रिपोर्टिंग प्रणाली लागू करनी चाहिए। इससे नागरिकों का भरोसा भी बढ़ेगा और सहयोग भी सहज होगा।

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