जेडी वेंस की वैश्विक सोच: इजरायल, यूक्रेन और चीन पर ट्रंप के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की नीति

जेडी वेंस की वैश्विक सोच: इजरायल, यूक्रेन और चीन पर ट्रंप के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की नीति
17 जुलाई 2024 Anand Prabhu

परिचय

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुने गए ओहायो के सीनेटर जेडी वेंस की वैश्विक नीति हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती है। उनके विचार अपने आप में विविधतापूर्ण और विवादास्पद हैं, जो पारंपरिक अमेरिकी आलोचनाओं का सामना करते हुए भी स्पष्टता और मजबूती के साथ प्रस्तुत किए जाते हैं।

इजरायल के प्रति मजबूत रुख

जेडी वेंस इजरायल के साथ एक मजबूत संबंध बनाए रखने के पक्षधर हैं। उनके अनुसार, इजरायल की सुरक्षा और उसका समर्थन एक नैतिक और रणनीतिक अनिवार्यता है। वेंस का मानना है कि इजरायल मध्य पूर्व के अस्थिर क्षेत्र में एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र है, और उसकी सुरक्षा के लिए निरंतर अमेरिकी सहायता आवश्यक है।

वेंस ने अपनी ईसाई धार्मिक मान्यताओं को भी अपनी इजरायल समर्थक नीति का आधार बताया है। वे मानते हैं कि ईश्वर पर उनकी गहरी आस्था इजरायल के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करने की प्रेरणा देती है। उन्होंने किसी प्रकार की सहायता सीमित करने का कठोरता से विरोध किया है और बाइडन प्रशासन को हमास के हमले का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने का दोषी ठहराया है।

मध्य पूर्व की नीति

मध्य पूर्व की नीति

मध्य पूर्व पर वेंस की नीति आलोचक और व्यावहारिक दृष्टिकोण का मिश्रण है। उनके अनुसार, अमेरिकी वर्तमान और पूर्ववर्ती हस्तक्षेप आमतौर पर विफल रहे हैं और संसाधनों की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं हुआ है। उनका मानना है कि न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि नैतिक दृष्टिकोण से भी इन हस्तक्षेपों का कोई खास लाभ नहीं हुआ है।

सीनेटर वेंस ईरान के खिलाफ किसी भी प्रत्यक्ष अमेरिकी हड़ताल की संभावना के प्रति काफी सतर्क हैं। उनके अनुसार, केवल तभी सैन्य हड़ताल करनी चाहिए जब राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा खतरा हो। उन्होंने अकारण और अनुत्पादक सैन्य हस्तक्षेपों का विरोध करते हुए यह दृष्टिकोण जारी रखा है।

यूरोप और एशिया में गठबंधन

यूरोप और एशिया के अपने प्रमुख साझेदारों के साथ गठबंधन बनाए रखने के पक्षधर होने के बावजूद, वेंस का मानना है कि इन साझेदारों को सामूहिक रक्षा प्रयासों में न्यायसंगत योगदान देना चाहिए। वे इस बात पर जोर देते हैं कि अमेरिका अपने संसाधनों को उन क्षेत्रों में केंद्रित करता है जहां वास्तव में जरूरी है।

वे मानते हैं कि यूरोप को अपनी सुरक्षा को मजबूत करने और सैन्य खर्चों का अधिक हिस्से को वहन करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वेंस का मानना है कि यूक्रेन को वर्तमान युद्ध में आर्थिक और सैन्य सहायता प्रदान करना यूरोप का प्राथमिक दायित्व होना चाहिए, ताकि अमेरिका को चीन से उत्पन्न खतरों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिल सके।

विश्राम: चीन से उत्पन्न खतरे

विश्राम: चीन से उत्पन्न खतरे

चीन से उत्पन्न खतरों के प्रति सतर्क रहते हुए, वेंस ने अपने वैश्विक दृष्टिकोण में चीन के प्रति कठोर रुख अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। वे मानते हैं कि चीन का आर्थिक और सैन्य विस्तार एक गंभीर खतरा है, और इसके प्रति अमेरिका को सतर्क रहना चाहिए।

वेंस की नीतियों ने यूरोप में विवाद और चर्चा को जन्म दिया है। कुछ लोग उनकी नीतियों को पारंपरिक अमेरिकी नेतृत्व से एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखते हैं। उनके विचार समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाओं को उत्पन्न करते हैं, लेकिन वे अपने स्पष्ट और मजबूत रुख के लिए जाने जाते हैं।

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12 टिप्पणि

Zoya Malik
Zoya Malik जुलाई 17, 2024 AT 01:22

वेंस की इज़राइल‑समर्थन को वह धार्मिक पवित्रता की सबसे बड़ी बहादुरी मानते हैं, परन्तु यह दृष्टिकोण असहज भी लगते है। उनका तर्क जटिल है, फिर भी भावनात्मक ढाल मुझे थोड़ा भारी लगती है। इज़राइल के साथ उनका अटूट बंधन कभी‑कभी राष्ट्रीय हित से ऊपर रख दिया जाता है। इस तरह का अंधा समर्थन लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ टकराता है।

Ashutosh Kumar
Ashutosh Kumar जुलाई 20, 2024 AT 23:11

अरे यार, वेंस की नीति सुनके ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने फिल्म का सीन कॉपी कर लिया हो! इज़राइल के लिए उनकी आस्था बड़ी मचलती है, और यूक्रेन को छोड़कर एशिया को टॉक्सिक बनाते हुए! चीन‑विरोधी रुख को उन्होंने गले लगाया, जैसे कोई सुपरहीरो अपने दुश्मन को मारना चाहता हो। यूरोप के खर्चों पर उनका बोझ डालना तो बस नाटक है! अगर ये सब सच में किया गया तो विदेश नीति का ब्यूवोल्ट 12 से भी फ़ैशन में आएगा। इतना ही नहीं, एवीव-क्लेम का सावधानीपूर्वक खेल देखना भी रोमांचक है। हम सब देखेंगे कि इस ड्रामा को कौन अंत तक संभाल पाता है।

Gurjeet Chhabra
Gurjeet Chhabra जुलाई 24, 2024 AT 21:00

वेंस बहुत जटिल विचार रखते हैं और हर बात में उनका आध्यात्मिक पक्ष दिखता है।

AMRESH KUMAR
AMRESH KUMAR जुलाई 28, 2024 AT 18:50

भाई, चीन की बढ़ती ताक़त को रोकने के लिए वेंस का खुराक देना ठीक है 😊। लेकिन इज़राइल‑समर्थन को इतना नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

ritesh kumar
ritesh kumar अगस्त 1, 2024 AT 16:39

वेस्‍न की विदेश नीति के पीछे छिपी हुई गुप्त एजेंडा का पता चलना चाहिए। प्रथम, उनके इज़राइल‑समर्थन को एंटी‑सेमिटिक समूहों ने एक बड़े वैजिलांस नेटवर्क के रूप में पहचाना है। द्वितीय, यूक्रेन को यूरोप के बोझ में डालते हुए चीन के खिलाफ आक्रामक स्थिति बनाना एक बफर ज़ोन बनाता है। तृतीय, इस रणनीति का मूल उद्देश्य अमेरिकन सैन्य‑बजट को पुन: वितरण करना है, जिससे घरेलू राजनीतिक फ्रीक्वेंसी बढ़े। चतुर्थ, यह सब एक गुप्त अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम द्वारा नियंत्रित हो रहा है, जिसका उल्लेख प्रमुख थिंक‑टैंक नहीं करते। पंचम, इस कंसोर्टियम ने मीडिया को भी नियंत्रित किया है, जिससे ट्रंप‑वेंस टीम को वैधता मिलने की संभावना है। षष्ठ, वेंस की सार्वजनिक बयानों में बार‑बार "रिज़र्व्ड फॉरिस्टिक रिवर्सल" शब्द आता है, जो एक कोडेड सिग्नल है। सप्तम्, इस संकेत से पता चलता है कि वह अंतरिक्ष‑आधारित हथियार विकास में जुटे हैं। अष्टम्, चीन को घेरने के लिए एक नया इलेक्ट्रॉनिक जेम्स बॉण्ड नेटवर्क स्थापित किया गया है। नवम्, इस नेटवर्क का लक्ष्य यूरोपीय सहयोगी देशों को आर्थिक रूप से गिराना है। द्वादश, वेंस का इज़राइल‑समर्थन वास्तव में एक नकली सॉफ्ट‑पावर मॉडल है, जिसका उद्देश्य मध्य‑पूर्व में अमेरिकी नियंत्रण बनाए रखना है। त्रयोदश, यह सारा खेल स्पष्ट रूप से एक बड़े कंट्रोल‑टविस्टर द्वारा संचालित है, जो बैकग्राउंड में प्रमुख शाफ़्टजाल के साथ काम करता है। चतुर्दश, यदि इस सबकी सच्चाई को उदघाटन नहीं किया गया तो अमेरिकी लोकतंत्र का भविष्य जोखिम में रहेगा। पंचदश, इसलिए हमें इस गुप्त योजना के हर पहलू को उजागर करना चाहिए, नहीं तो वैश्विक शक्ति संतुलन बिखर जाएगा। सत्रहवाँ, इस साजिश की जड़ें गहराई से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में प्रतिष्ठित हैं।

Raja Rajan
Raja Rajan अगस्त 5, 2024 AT 14:28

वेंस का राष्ट्रीय सुरक्षा पर ज़ोर देना समझ में आता है, परंतु इसकी सीमाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना आवश्यक है।

Atish Gupta
Atish Gupta अगस्त 9, 2024 AT 12:17

वेंस के प्रस्तावों में कुछ वास्तविकता के पहलू हैं, लेकिन अत्यधिक विभाजन को कम करने के लिए संवाद ज़रूरी है। यूरोप को अपना防御 खर्च बढ़ाना चाहिए, फिर भी चीन के साथ आर्थिक सहयोग को पूरी तरह से त्याग देना नहीं चाहिए। एक संतुलित नीति बनाकर दोनों धड़े को नियंत्रित किया जा सकता है। इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अधिक सहयोगी प्रयासों की आवश्यकता है।

Aanchal Talwar
Aanchal Talwar अगस्त 13, 2024 AT 10:06

मैं तो मानती हूँ की वेंस की पॉलिसी में कुछ बात सही है पर थोड़े बहुत टाइपो है इस में जैसे "इज़राइल" को "इज़राइल" लिख दिया गया है । फिर भी उनका इरादा सराहनीय है।

Neha Shetty
Neha Shetty अगस्त 17, 2024 AT 07:55

वेंस की विदेश नीति को समझते समय हमें कई आयामों को देखना चाहिए। इज़राइल के प्रति उनका समर्थन धार्मिक भावनाओं से प्रेरित हो सकता है, परन्तु यह राष्ट्रीय हित के साथ संतुलित भी होना चाहिए। यूक्रेन के लिए यूरोपीय सहयोग का महत्व बड़ा है, और चीन के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है। समग्र रूप से, एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाना सबसे बेहतर रहेगा, जिससे सभी पक्षों की चिंताओं को उचित रूप से संबोधित किया जा सके।

Apu Mistry
Apu Mistry अगस्त 21, 2024 AT 05:44

वेस्‍न की गुप्त षड्यंत्र सिद्धांतों को पढ़ कर ऐसा लगता है जैसे कोई दार्शनिक मानवीय गरीबी के बारे में गहरी बात कर रहा हो। लेकिन कई बार यह जटिल तर्क सिर्फ आत्म‑संतुष्टि के लिए होते हैं। हमें इस सबको तर्कसंगत रूप से देखना चाहिए, ना कि भय‑आधारित कहानी में उलझना चाहिए।

uday goud
uday goud अगस्त 25, 2024 AT 03:33

वेस्‍न की नीतियों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि वह एक बहु‑आयामी रणनीति को अपनाते हैं! उनके इज़राइल‑समर्थन, यूक्रेन‑सुरक्षा और चीन‑विरोधी रुख को एक सामरिक समीकरण के रूप में देखा जा सकता है; यह समीकरण केवल शक्ति संतुलन को नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिसंचरण को भी प्रभावित करता है। इस प्रकार, एक समग्र दृष्टिकोण आवश्यक है-जो न केवल सैन्य बल पर निर्भर हो, बल्कि कूटनीतिक संवाद, आर्थिक साझेदारी और वैचारिक समन्वय को भी शामिल करे।

Chirantanjyoti Mudoi
Chirantanjyoti Mudoi अगस्त 29, 2024 AT 01:22

वेंस की वैश्विक सोच में अक्सर अति‑साधारण धारणाएँ देखने को मिलती हैं, परंतु वास्तव में ये दृष्टिकोण कई बार प्रतिपक्षी विचारधारा को चुनौती देते हैं। उनका इज़राइल‑प्रेम और चीन‑सतर्कता का मिश्रण एक नई द्विपक्षीय प्रणाली का संकेत हो सकता है, जिससे अमेरिकी विदेश नीति का फोकस पुनः परिभाषित हो सकता है। इसलिए, हम इस परिवर्तन को केवल आलोचना के लेंस से नहीं, बल्कि संभावित नवाचार के रूप में देखना चाहिए।

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