
फर्जी अधिसूचना ने बढ़ाई हलचल
जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनावों को लेकर अफवाहों का नया दौर देखने को मिला जब सोशल मीडिया पर एक फर्जी आदेश फैल गया। इस आदेश में दावा किया गया था कि राज्य में पंचायत चुनाव नवंबर 2025 के बाद होंगे। दस्तावेज पर ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग का नाम और आदेश संख्या (45-RD&PR of 2025, दिनांक 05-08-2025) दर्ज थी, जिससे लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई।
अफसरों ने तुरंत मोर्चा संभाला और साफ किया कि इस तरह का कोई आदेश न तो राज्य सरकार ने जारी किया है, न ही पंचायत चुनाव को लेकर कोई आधिकारिक तारीख तय हुई है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय और ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने बयान जारी करके कहा, चुनाव कार्यक्रम घोषित करने का अधिकार सिर्फ राज्य चुनाव आयोग को है और उसने ऐसा कोई एलान नहीं किया।

चुनावों में देरी, अफवाहों पर सख्ती
पंचायती चुनावों के अलावा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी 2018 के बाद से टलते आ रहे हैं, जिससे जनता में बेचैनी है और अफवाहों को आसानी से जगह मिलती है। केंद्र सरकार की ओर से भी कभी-कभार पंचायत व्यवस्था जारी रखने का भरोसा दिलाया गया है। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने पंचायतों को बनाए रखने पर जोर दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिसीमन के बाद ही चुनाव होंगे। इस माहौल में फर्जी सूचना का वायरल होना आम लोगों में असमंजस बढ़ा रहा है।
प्रशासन की ओर से IT एक्ट और भारतीय दंड संहिता के मुताबिक फर्जी दस्तावेज वायरल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। नागरिकों से अपील की गई है कि चुनाव संबंधित जानकारी पाने के लिए केवल अधिकारिक चैनलों—जैसे राज्य चुनाव आयोग या सरकारी वेबसाइट—का ही इस्तेमाल करें।
- फर्जी सूचना पर भरोसा ना करें
- कोई भी दस्तावेज सोशल मीडिया पर जांचे-परखे बिना शेयर ना करें
- अधिकारिक बयान और अपडेट का इंतजार करें
नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला जैसे बड़े नेता भी समय पर विधानसभा चुनाव की मांग कर चुके हैं, लेकिन फिलहाल सबकी नजर पंचायत चुनाव की घोषणा पर टिकी है। लगातार देरी और अफवाहों के दौर में राज्य के लोकतांत्रिक ढांचे पर सवाल भी उठते हैं, क्योंकि जनता खुद को सिस्टम से दूर महसूस करती है।