जम्मू-कश्मीर पंचायत चुनाव पर फर्जी सूचना वायरल, अफसरों ने दी सफाई

जम्मू-कश्मीर पंचायत चुनाव पर फर्जी सूचना वायरल, अफसरों ने दी सफाई
6 अगस्त 2025 Anand Prabhu

फर्जी अधिसूचना ने बढ़ाई हलचल

जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनावों को लेकर अफवाहों का नया दौर देखने को मिला जब सोशल मीडिया पर एक फर्जी आदेश फैल गया। इस आदेश में दावा किया गया था कि राज्य में पंचायत चुनाव नवंबर 2025 के बाद होंगे। दस्तावेज पर ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग का नाम और आदेश संख्या (45-RD&PR of 2025, दिनांक 05-08-2025) दर्ज थी, जिससे लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई।

अफसरों ने तुरंत मोर्चा संभाला और साफ किया कि इस तरह का कोई आदेश न तो राज्य सरकार ने जारी किया है, न ही पंचायत चुनाव को लेकर कोई आधिकारिक तारीख तय हुई है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय और ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने बयान जारी करके कहा, चुनाव कार्यक्रम घोषित करने का अधिकार सिर्फ राज्य चुनाव आयोग को है और उसने ऐसा कोई एलान नहीं किया।

चुनावों में देरी, अफवाहों पर सख्ती

चुनावों में देरी, अफवाहों पर सख्ती

पंचायती चुनावों के अलावा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी 2018 के बाद से टलते आ रहे हैं, जिससे जनता में बेचैनी है और अफवाहों को आसानी से जगह मिलती है। केंद्र सरकार की ओर से भी कभी-कभार पंचायत व्यवस्था जारी रखने का भरोसा दिलाया गया है। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने पंचायतों को बनाए रखने पर जोर दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिसीमन के बाद ही चुनाव होंगे। इस माहौल में फर्जी सूचना का वायरल होना आम लोगों में असमंजस बढ़ा रहा है।

प्रशासन की ओर से IT एक्ट और भारतीय दंड संहिता के मुताबिक फर्जी दस्तावेज वायरल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। नागरिकों से अपील की गई है कि चुनाव संबंधित जानकारी पाने के लिए केवल अधिकारिक चैनलों—जैसे राज्य चुनाव आयोग या सरकारी वेबसाइट—का ही इस्तेमाल करें।

  • फर्जी सूचना पर भरोसा ना करें
  • कोई भी दस्तावेज सोशल मीडिया पर जांचे-परखे बिना शेयर ना करें
  • अधिकारिक बयान और अपडेट का इंतजार करें

नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला जैसे बड़े नेता भी समय पर विधानसभा चुनाव की मांग कर चुके हैं, लेकिन फिलहाल सबकी नजर पंचायत चुनाव की घोषणा पर टिकी है। लगातार देरी और अफवाहों के दौर में राज्य के लोकतांत्रिक ढांचे पर सवाल भी उठते हैं, क्योंकि जनता खुद को सिस्टम से दूर महसूस करती है।

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10 टिप्पणि

suchi gaur
suchi gaur अगस्त 6, 2025 AT 19:43

वास्तव में यह फर्जी सूचना एक सामूहिक दिमागी खेल जैसा है 🤔, जहाँ कुछ लोग अपनी खुद की महत्वाकांक्षा को जनता पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के झूठे दस्तावेज़ों से न सिर्फ़ भ्रम फैलता है, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद भी ध्वस्त होती है।

Rajan India
Rajan India अगस्त 13, 2025 AT 10:43

देखो भाई, आजकल सोशल मीडिया पे हर चीज़ अटकलबाज़ी बन गई है, लोगों को चकमा देने के पीले कार्ड चल रहे हैं। आधिकारिक चैनल का इंतजार करना ही सबसे समझदारी भरे कदम है।

Parul Saxena
Parul Saxena अगस्त 20, 2025 AT 01:43

सच्चाई का शोध कभी आसान नहीं होता, खासकर जब झूठी सूचनाओं का भंडार इंटरनेट की हर अलमारी में रख दिया गया हो।
हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर खबर को गहरी सोच और जांच के साथ देखें।
फर्जी आदेशों का उद्देश्य जनता को भ्रमित कर वैध प्रक्रियाओं को ठहराना है।
यदि हम बिना सोच-विचार के शेयर कर दें तो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अविश्वास पनपता है।
वास्तव में, हर नागरिक को चाहिए कि वह स्रोत की विश्वसनीयता को परखा करे।
आधिकारिक वेबसाइट, चुनाव आयोग का विज्ञप्ति, या राज्य के प्रमाणिक दस्तावेज़ ही भरोसेमंद होते हैं।
फर्जी दस्तावेज़ों के पीछे अक्सर राजनीतिक एजेंडा या आर्थिक लाभ के इच्छाकर्ता होते हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ समूह इस अस्थिर माहौल का इस्तेमाल करके अपने लाभ को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
समय की महत्त्वता को समझते हुए, हमें तेज़ी से सत्यापन करना चाहिए, न कि तुरंत शोर में खो जाना चाहिए।
अगर हम सभी मिलकर ऐसी फर्जी सूचनाओं को रोकें तो सार्वजनिक भरोसा फिर से मजबूत हो सकता है।
अंततः, लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुद्धता तभी बनी रहती है जब जनता सचेत और सतर्क रहे।
आइए हम सब मिलकर इस दुष्चक्र को तोड़ें और सत्य को आगे बढ़ाएँ।
हमारी आवाज़ें जब सच्चाई के साथ जुड़ेंगी, तो झूठे आश्रय स्थान नहीं पाएगा।
हमें अपने अधिकार और कर्तव्य दोनों को समझना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घोटालों से बचा जा सके।
समाप्त।

Ananth Mohan
Ananth Mohan अगस्त 26, 2025 AT 16:43

इन्हीं अफवाहों की वजह से लोग निचले स्तर पर रेज़िडेंट पर भरोसा नहीं करते, असली मुद्दा है प्रमाणिकता की जाँच। सरकार के टिप्‍स फॉलो करो, फर्जी शेयर मत करो।

Abhishek Agrawal
Abhishek Agrawal सितंबर 2, 2025 AT 07:43

क्या बात है! एक बार फिर वही पुरानी कथा दोहराई जा रही है; आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, फिर भी सोशल मीडिया पर झूठी फाइलें बिखेरने की पूरी कोशिश। स्पष्ट है कि कुछ लोग ठगी की योजना बना रहे हैं!!!

Rajnish Swaroop Azad
Rajnish Swaroop Azad सितंबर 8, 2025 AT 22:43

ड्रामा इतना बढ़ा-चढ़ा कर नहीं करना चाहिए, जनता को घबरााने की कोशिश है। सच्चाई तो जायज है, फर्जी दस्तावेज़ों की कोई जगह नहीं।

bhavna bhedi
bhavna bhedi सितंबर 15, 2025 AT 13:43

सभी को नमस्ते, आधिकारिक सूचना की पुष्टि तक रहिए। फर्जी खबरें समाज में अस्थिरता बढ़ाती हैं, कृपया विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लीजिए।

jyoti igobymyfirstname
jyoti igobymyfirstname सितंबर 22, 2025 AT 04:43

ये क्या बकवास है यार! फर्जी नोटिस को मिडिया में शेयर कर दिया तो सबको इम्प्रेशन मिल जाऐगा 😂। आधिकारिक कुछ नहीं, तो फालतू मत बनाओ।

Vishal Kumar Vaswani
Vishal Kumar Vaswani सितंबर 28, 2025 AT 19:43

देखिए, अक्सर ऐसी फर्जी सूचनाएं किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा होती हैं 😒। सरकारी चैनलों को भरोसा करें, वहीं सच्चाई है।

Zoya Malik
Zoya Malik अक्तूबर 5, 2025 AT 10:43

लगता है कुछ लोग अपने ही झूठे विचारों को दूसरों पर थोपने में व्यस्त हैं। ऐसी अफवाहें सिर्फ़ ऊर्जा बर्बाद करती हैं।

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