
18 साल की इंतजार के बाद RCB की पहली जीत
आईपीएल इतिहास में जो टीम हमेशा ट्रॉफी के करीब पहुंचकर चूक जाती थी, वही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) आखिरकार 2025 में अपने IPL 2025 खिताब का सपना पूरा कर बैठी। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हुए फाइनल में RCB ने पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रन से हराकर वो मुकाम हासिल कर लिया, जिसका फैंस सालों से बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
मैच में बैंगलोर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। शुरुआत में विराट कोहली ने एक बार फिर टीम को संभाला और 35 गेंदों में 43 रन बनाए। उनका संयम, मैदान पर मौजूदगी और शॉट सिलेक्शन फाइनल मुकाबले के दबाव में खास नजर आया। इसके अलावा, अंतिम ओवरों में डीके और रजत पाटीदार ने कुछ अहम रन जोड़े और टीम ने 20 ओवर में 190/9 रन बना दिए। पंजाब की ओर से अर्शदीप सिंह ने 3 विकेट लिए, वहीं काइल जैमीसन ने 3/48 का योगदान दिया।
पंजाब की जुझारू कोशिश और RCB के गेंदबाजों का दबदबा
पंजाब किंग्स को पहली बार चैंपियन बनने का सपना पूरा करने के लिए 191 रनों की दरकार थी। मगर मयंक अग्रवाल और कप्तान लियम लिविंगस्टन जल्दी पवेलियन लौट गए। इसके बावजूद, शशांक सिंह ने मैच का रंग पलटने की पूरी कोशिश की। उन्होंने महज़ 30 गेंदों में नाबाद 61 रन ठोककर पंजाब फैंस की उम्मीदें जिंदा रखीं। जोश इंग्लिस ने भी 23 गेंदों में 39 रन जोड़े।
आखिरी ओवरों में जब पंजाब को 30 गेंदों में 44 रन चाहिए थे, क्रुणाल पांड्या ने अपने कोटे के चार ओवरों में सिर्फ 17 रन देकर दो विकेट चटकाए। उनकी गेंदें इतनी सटीक थीं कि पंजाब के बल्लेबाज बड़ा शॉट लगाने में बार-बार नाकाम रहे। भुवनेश्वर कुमार (2/38) ने भी अहम मौकों पर विकेट लेकर पंजाब पर दबाव बनाए रखा। आलम ये रहा की आखिरी ओवर में पंजाब को 15 रन चाहिए थे, लेकिन शशांक के बावजूद टीम सिर्फ 184/7 तक ही पहुँच सकी।
फाइनल में दबाव को झेलना आसान नहीं होता, लेकिन RCB के युवा कप्तान रजत पाटीदार और पूरी टीम ने संयम से काम लिया। जीत के बाद मैदान पर खिलाड़ियों की खुशी साफ देखी जा सकती थी। 2008 से खिताब के लिए तरस रही टीम को आखिरकार 18 साल बाद सफलता मिली। फैंस की आंखों में आंसू थे, स्टेडियम में आरसीबी... आरसीबी के नारे गूंज रहे थे।
किसी फिल्मी कहानी की तरह ये मैच भी उतार-चढ़ाव से भरा रहा। एक छोर पर RCB का इंतजार खत्म हुआ, दूसरी ओर पंजाब किंग्स के लिए फिर अधूरा सपना रह गया। लेकिन शशांक सिंह की पारी और अर्शदीप सिंह की धारदार गेंदबाजी ने दिखाया कि पंजाब भी कमतर नहीं है। बस, किस्मत ने साथ नहीं दिया।