
जब भारतीय मौसम विभाग ने 4 अक्टूबर 2025 का मौसम अलर्ट जारी किया, तो उत्तर भारत के कई नागरिकों के दिल में एक ही आवाज़ गूँजी – "सावधान रहें"। उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में येलो से ऑरेंज तक का अलर्ट, 40‑50 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाओं और तेज़ बवंडर‑सदृश झोंकों के साथ भारी बारिश की चेतावनी देता है। साथ ही दिल्ली‑एनसीआर में नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मौसम के मिजाज़ में तेज़ बदलाव की संभावना है।
पृष्ठभूमि और मौसमी प्रवृत्तियों का संक्षिप्त सार
भारत में अक्टूबर की शुरुआत आमतौर पर शरद ऋतु की स्वच्छ हवाओं से जुड़ी होती है, लेकिन इस साल मौसमी चक्र ने एक अनोखा मोड़ ले लिया। ओडिशा में बने गहरे वायुमंडलीय दबाव ने पूर्वी भारत, पूर्वी मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तरी प्रदेश में ठंडे वायुप्रवाह को खींचा, जिससे भारी‑से‑बहुत‑भारी बारिश की सम्भावना बढ़ी। आज्न तक, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में भी इसी दबाव का असर महसूस किया जा रहा है।
विस्तृत क्षेत्रों में अनुमानित स्थिति
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, 5‑7 अक्टूबर के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश की तुलना में पश्चिमी भाग में बारिश की तीव्रता अधिक रहेगी। विशेषकर गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, महाराजगंज, गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, बस्ती, बलरामपुर, श्रावस्ती और अंबेडकर नगर में 40‑50 किमी/घं तक की रफ़्तार से तेज़ हवाओं के साथ भारी बूँदें गिरने की संभावना है।
- ऑरेंज अलर्ट: गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ – 5 अक्टूबर तक
- येलो अलर्ट: सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी – 4‑6 अक्टूबर के बीच
- हवा की गति: 40‑50 किमी/घं, झोंके: 60‑70 किमी/घं तक हो सकते हैं
राज्य के उत्तर‑पश्चिमी हिस्सों में 6 अक्टूबर को ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है, जबकि पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में उसी दिन भारी‑से‑बहुत‑भारी बारिश के अलर्ट जारी किए गए।
प्रभावित राज्यों में स्थानीय प्रतिक्रियाएँ
उपर्युक्त अलर्ट पर उज्जैन जिला प्रशासन ने तुरंत राहत‑कार्य की तैयारी शुरू कर दी। जिला कलेक्टर शशिकांत शर्मा ने कहा, "हमारी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा है, इसलिए सभी प्राथमिक विद्यालयों को अल्पावधि के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है।" इसी तरह, दिल्ली‑एनसीआर की मौसम विभागीय शाखा ने राहगीरों को तेज़ हवाओं के साथ सम्भावित बवंडर से सतर्क रहने की सलाह दी।
झारखंड में गढ़वा, पलामु, लातेहार, चतरा और हजारीबाग जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद स्थानीय सरकारी अधिकारी “अभी तक कोई बड़ी क्षति नहीं हुई, परंतु जल जमाव और सड़क बंद होने की संभावना है” कहते हुए चेतावनी जारी कर रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय और तकनीकी विश्लेषण
IMD के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अंजली सेतुंदर (सत्रा) ने बताया, "यहावकाश का दबाव (अवदाब) दो‑तीन दिनों के बाद चक्रवाती प्रणाली में बदल सकता है, जिससे अचानक तीव्र बवंडर‑सदृश हवाएँ और बहुत भारी बारिश संभव है।" उन्होंने कहा कि यह स्थिति 2004‑05 के दुष्कर वर्ष की तरह नहीं है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतनी जरूरी है।
दिनांक 3 अक्टूबर को जारी एक प्रेक्षण रिपोर्ट में दिखाया गया कि वायुमंडलीय तापमान में 2‑3°C की गिरावट और नमी में 10‑12% की वृद्धि हुई है, जो बारिश को और भी तीव्र बना सकती है।
आगामी दिनों में संभावित परिदृश्य
7‑9 अक्टूबर तक दिल्ली‑एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। इसका मतलब है कि सड़कों पर जलभराव, कृषि क्षेत्रों में पाउडर फसल को नुकसान और पावर कट जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
स्थानीय प्रशासनों ने पहले से ही आपातकालीन हेलीकॉप्टर, बचाव टीम और सूचनात्मक अलर्ट प्रणाली को सक्रिय कर रखा है। नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे घर के भीतर रहने, तेज़ हवाओं में बाहर न निकलने और फसल‑भूमिकाओं में जल निकास के लिए उचित उपाय करने पर ध्यान दें।

तत्काल तैयारियों के लिए कुचिंग उपाय
- घर की छत और खिड़कियों को कसे रखें, टाइटनिंग स्ट्रिप का प्रयोग करें।
- बिजली के उपकरणों को सॉकेट से हटा दें, बिजली कटौती के दौरान बैकअप लाइट रखें।
- बाढ़ की स्थिति में ऊँचे स्थान पर शरण लें, स्थानीय निकासी केंद्रों की जानकारी रखें।
- सड़क पर गीले पाते हुए वाहन नहीं चलाएँ, विशेषकर तेज़ हवाओं के दौरान।
- किसानों के लिए फसल को सुरक्षित करने हेतु प्लास्टिक शीट या जाल का उपयोग करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
येलो और ऑरेंज अलर्ट में क्या अंतर है?
येलो अलर्ट हल्की से मध्यम बारिश और तेज़ हवाओं के संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट भारी‑से‑बहुत‑भारी बारिश, 50 किमी/घं से अधिक हवा, और बवंडर‑सदृश झोंकों की चेतावनी देता है। दोनों में सतर्कता स्तर अलग‑अलग होता है, इसलिए अलर्ट में बताए गए उपायों को गंभीरता से अपनाएँ।
दिल्ली‑NCR में मौसम परिवर्तन का कारण क्या है?
ओडिशा में स्थापित गहरा वायुमंडलीय दबाव हवा को पश्चिमी दिशा में धकेल रहा है, जिससे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) दिल्ली‑एनसीआर तक पहुँच रहा है। यह विक्षोभ ठंडे वायु को लाता है, जिससे तेज़ हवाएँ और अचानक बारिश हो सकती है।
किसानों को इस बारिश से कैसे बचाव करना चाहिए?
फसल के नीचे प्लास्टिक शीट बिछाना, ड्रेनेज सिस्टम साफ़ रखना और क्षतिग्रस्त फसल के हिस्से तुरंत हटाना लाभकारी रहेगा। साथ ही, कृषि विभाग के अलर्ट पर नज़र रखें और हो सके तो फसल को ऊँचे बागानों में ट्रांसप्लांट करें।
क्या इस मूवमेंट में बवंडर भी शामिल है?
वर्तमान अवदाब (Low Pressure) स्थितियों में बवंडर‑सदृश तेज़ हवाओं की संभावना 60‑70 किमी/घं तक हो सकती है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बवंडर अलर्ट जारी नहीं हुआ है, लेकिन नागरिकों को झुंडों से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
अगले कुछ दिनों में कौन‑से प्रमुख शहरों को ज्यादा जोखिम है?
गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर (उत्तर प्रदेश), दिल्ली, जयपुर (राजस्थान) तथा कोडरमा, रांची (झारखंड) को विशेष रूप से भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण अधिक जोखिम माना गया है। इन शहरों में स्थानीय प्राधिकरण पहले से ही निकासी और राहत कार्यों की तैयारी कर रहे हैं।
1 टिप्पणि
IMD ने जो अलर्ट जारी किया है, वह पूरी तरह से मौसम विज्ञान के मॉडल पर आधारित है। उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में येलो‑ऑरेंज चेतावनी का मतलब है 40‑50 km/h की तेज हवाएँ और बवंडर‑सदृश झोंके। दिल्ली‑NCR में पश्चिमी विक्षोभ के पहुँचने की संभावना भी दस्तावेज़ी रूप से पुष्टि हुई है। इस प्रकार की स्थितियों में स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को अस्थायी रूप से बंद करना समझदारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है, इसलिए स्थानीय प्रशासन को पहले से तैयारी करनी चाहिए।