
गरुड़ा कंस्ट्रक्शन का आईपीओ कल से संपन्न होने को तैयार है
वित्तीय बाज़ार के निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण पल है जब गरुड़ा कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग अपना आईपियओ कल 8 अक्टूबर, 2024 को ओपन करेगी। बाज़ार में नए निवेशक और मौजूदा निवेशकों के लिए यह एक गंभीर अवसर है क्योंकि यह आईपीओ अपनी संरचना एवं प्रसार में खासा चर्चा में है। चारों तरफ इस आईपीओ के आकार और महत्व पर मंथन हो रहा है। इस विषय पर गहराई में जाकर हम समझेंगे कि ये निवेशका अवसर क्यों इतना महत्वपूर्ण हो सकता है।
आईपीओ का आकार और संरचना
यह आईपीओ कुल मिलाकर 264 करोड़ रुपये का है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है 173 करोड़ रुपये का फ्रेश इक्विटी विक्रय और 90 करोड़ रुपये का ऑफर फ़ॉर सेल (ओएफएस)। इस प्रस्ताव का विभाजन इस प्रकार है कि 50% हिस्सा क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल खरीदारों के लिए, 35% रिटेल निवेशकों के लिए और 15% नॉन-इंस्टिट्यूशनल निवेशकों के लिए आरक्षित किया गया है। इस तरह से यह एक विविध निवेशक आधार रखने का प्रयास दिखाई देता है।
प्राइस बैंड और ग्रे मार्केट प्रीमियम
आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 92-95 रुपये प्रति शेयर तय की गई है। यह निवेशकों को 157 शेयरों के एक लॉट में बोली लगाने की अनुमति देती है। यही नहीं, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) की भी चर्चाएं गरम हैं। कई रिपोर्टों के अनुसार, GMP 22 रुपये प्रति शेयर तक पहुंच चुका है, जो निवेशकों को 23% की लिस्टिंग लाभ की संभावना दिखा रहा है। जबकि अन्य स्रोत ने सिर्फ 10 रुपये का GMP बताया है, जो 11% का लिस्टिंग लाभ सूचित करता है।
व्यवसायिक प्रोफाइल और वित्तीय प्रदर्शन
गरुड़ा कंस्ट्रक्शन प्रमुख रूप से आवासीय, व्यवसायिक और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए सिविल निर्माण सेवाएँ प्रदान करती है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय और मुंबई में स्थित होटल 'गोल्डन चेरियट' जैसी प्रसिद्ध परियोजनाएँ कम्पनी के पोर्टफोलियो में शामिल हैं। कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो मार्च 2024 में कंपनी के ऑपरेशन से अर्जित राजस्व वार्षिक आधार पर 4% घटकर 151 करोड़ रुपये रह गया था, जबकि शुद्ध लाभ 36.43 करोड़ रुपये पर आकर रुका।
ऑर्डर बुक और उद्देश्य
सितंबर 2024 तक कम्पनी की कुल ऑर्डर बुक 1,408.27 करोड़ रुपये थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि व्यवसाय की दिशा और उन्नति में स्पष्टता है। फर न्यू इशू के माध्यम से प्राप्त राशि का उपयोग कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। इसमें कुछ ऐसी अज्ञात अनायोज्य अधिग्रहीतियाँ शामिल की जा सकती हैं।
निवेश की ब्रोकरेज समीक्षा
अंततः, ब्रोकरेज फर्म एरिहेंट कैपिटल ने 'लिस्टिंग लाभ के लिए सब्सक्राइब करें' की रेटिंग जारी की है। उन्होंने कम्पनी के मजबूत ऑर्डर बुक और एसेट-लाइट बिजनेस मॉडल को देखते हुए इसे फायदा माना है। यह संकेत देता है कि निवेशकों के लिए यह लाभदायक अवसर हो सकता है खासकर उन लोगों के लिए जो त्वरित लिस्टिंग लाभ की तलाश में हैं।
इस अवसर पर निवेशकों का ध्यान केंद्रित करना स्वाभाविक है। गरुड़ा कंस्ट्रक्शन का आईपीओ एक महत्वपूर्ण घटना हो सकती है जो भारतीय वित्तीय बाज़ार को एक नई दिशा देने की क्षमता रखती है। निवेशकों के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आईपीओ परिक्षेत्र में कैसा प्रदर्शन करता है और उन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
18 टिप्पणि
गरुड़ा कंस्ट्रक्शन का आईपीओ अगले दिन खुल रहा है, कुछ लोग इसे बड़ी मौका मान रहे हैं। फ्रेश इक्विटी 173 करोड़ है, ऑफर फॉर सेल 90 करोड़। प्राइस बैंड 92 से 95 रुपये तय है, यानी कई निवेशक इस रेंज में बिड लगाएंगे। ग्रे मार्केट प्रीमियम अभी 10 से 22 रुपये तक दिख रहा है, जो लिस्टिंग पर 10‑20% रिटर्न दे सकता है। कुल मिलाकर यह डील स्ट्रक्चर ठीक लगता है, देखना पड़ेगा लोग कितना बुक करेंगे।
गरुड़ा कंस्ट्रक्शन के आईपीओ को लेकर कई पहलुओं को समझना आवश्यक है।
सबसे पहले कंपनी की व्यवसायिक पृष्ठभूमि को गौर से देखना चाहिए, क्योंकि उसकी परियोजनाओं का पोर्टफोलियो कई प्रमुख सार्वजनिक कार्य सम्मिलित करता है।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय या गोल्डन चेरियट जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स उसके अनुभव को दर्शाते हैं, जो निवेशकों में विश्वसनीयता पनपाते हैं।
फिर वित्तीय आँकड़े देखें, जहाँ मार्च 2024 में राजस्व में हल्की गिरावट और शुद्ध लाभ में स्थिरता दिखी है।
यह संकेत देता है कि कंपनी ने फि़सिकल एसेट्स के बजाय एसेट‑लाइट मॉडल अपनाया है, जिससे पूँजी संरचना अधिक लचीली हो गई है।
इसके अलावा, ऑर्डर बुक 1,408.27 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है, जो भविष्य में निरंतर आय का दृढ संकेत है।
आईपीओ का आकार 264 करोड़ रुपये का है, जिसमें फ्रेश इक्विटी और ओएफएस का वितरण संतुलित दिखता है।
प्राइस बैंड 92‑95 रुपये के बीच स्थापित किया गया है, जो मार्केट की अपेक्षा के अनुरूप प्रतीत होता है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम की विविध रिपोर्टें 10 से 22 रुपये तक की हो सकती हैं, जिससे संभावित लिस्टिंग लाभ का अंतर दिखता है।
ब्रोकरेज एरिहेंट कैपिटल की रेटिंग 'लिस्टिंग लाभ के लिए सब्सक्राइब करें' इस आशावाद को समर्थन देती है।
इस प्रकार, उन निवेशकों के लिए यह अवसर आकर्षक हो सकता है, जो मध्य‑अल्पकालीन रिटर्न की तलाश में हैं।
हालांकि, बाजार की अस्थिरता और संभावित ओवर-सब्सक्रिप्शन को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
इस संदर्भ में, रिटेल निवेशकों के लिए उचित सावधानी बरतना आवश्यक है, ताकि अत्यधिक मूल्यांकन से बचा जा सके।
अंततः, कंपनी की भविष्य की वृद्धि क्षमताएँ और प्रबंधन की दिशा निश्चित रूप से इस आईपीओ के प्रदर्शन को निर्धारित करेंगे।
इसलिए, समग्र रूप से यह कहा जा सकता है कि यह एक विचारणीय अवसर है, परन्तु प्रत्येक निवेशक को अपनी जोखिम सहनशक्ति के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।
गरुड़ा कंस्ट्रक्शन का आईपीओ 264 करोड़ रुपये का है जिसे तीन भागों में बाँटा गया है फ्रेश इक्विटी 173 करोड़ और ओएफएस 90 करोड़ साथ ही क्वालीफाइड संस्थागत 50 प्रतिशत रिटेल 35 प्रतिशत और नॉन‑इंस्टीट्यूशनल 15 प्रतिशत के लिये आरक्षित है यह संरचना विविध निवेशक वर्ग को आकर्षित करने के उद्देश्य से बनायी गयी है कंपनी का ऑर्डर बुक 1,408 करोड़ रुपये है जो भविष्य में स्थिर आय का संकेत देता है
क्या यह सच में इतना आकर्षक है?! प्राइस बैंड 92‑95 रुपये तो ठीक है, पर ग्रे मार्केट प्रीमियम की रिपोर्टें 10 से 22 रुपये तक-क्या इतना बड़ा अंतर वैध है?; निवेशकों को सावधान रहना चाहिए; कई बार ऐसी हाइप के पीछे वास्तविक मूल्य नहीं मिलता!!
गरुड़ा का आईपीओ एक नई दावेदार कहानी है
गरुड़ा कंस्ट्रक्शन के आईपीओ को लेकर कई निवेशकों में उत्सुकता देखी जा रही है। कंपनी ने अपने ऑर्डर बुक के माध्यम से ठोस कार्य प्रदर्शन दिखाया है। इस अवसर में रिटेल तथा संस्थागत दोनों वर्गों के लिये स्थान बनाया गया है। प्राइस बैंड 92‑95 रुपये के बीच निर्धारित किया गया है जिससे निवेशकों को स्पष्ट दिशा मिलती है। ग्रे मार्केट प्रीमियम का अनुमान 10‑22 रुपये तक है जो संभावित लाभ को दर्शाता है। एरिहेंट कैपिटल की सकारात्मक रेटिंग इस पहल को और सुदृढ़ करती है। हालांकि, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो के अनुसार जोखिम का मूल्यांकन करना चाहिए। यह कदम भारतीय निर्माण क्षेत्र में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा दे सकता है।
अरे भाई ये तो बहुत बड़ी बात है!! लेकिन मुझे लगता है लोग सिर्फ धूम मचा रहे है, असली काम तो कब दिखेगा देखेंगे
गरुड़ा का आईपीओ… क्या ये सब बड़े वित्तीय प्लेयरों की कूच है? 🤔 अक्सर हम देखते हैं कि बड़ी कंपनियों का इनीशिएशन बैकग्राउंड में कुछ छिपा होता है। इस मामले में भी संभावित शैडो प्ले हो सकते हैं, इसलिए निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। 📉
बहुत हाइप है, लेकिन कई बार एसे इवेंट्स में असली मूल्य नहीं दिखता।
गरुड़ा का आईपीओ अब खुलने वाला है और बाजार में धूम मचाने का योजना बना रहा है! इस बड़े इश्यू के साथ कंपनी ने अपने भविष्य के सपनों को बड़ी आवाज़ दे दी है। इन्वेस्टर्स को अब निर्णय लेना है कि इस जुमला में कदम रखें या नहीं।
मैं देख रहा हूँ कि कई लोग इस IPO की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं यह सच में एक अच्छा मौका हो सकता है लेकिन हमें अपने जोखिम को भी समझना चाहिए
भारत की बिल्डिंग इन्डस्ट्री को आगे बढ़ाने का यह कदम बहुत ज़रूरी है 🚀 गरुड़ा का IPO हमारे देश की उन्नति का प्रतीक है! सभी भारतीय निवेशकों को इसमें भाग लेना चाहिए 😊
इस IPO के पीछे बड़ी सरकारी गठबंधन और बड़े बैंकों का हाथ है, इसलिए हमें सावधानी से डील को देखना चाहिए, नहीं तो थ्रेड में फंस सकते हैं।
गरुड़ा का IPO आकार में बड़ा है पर वास्तविक लाभ अभी अनिश्चित है
जब तक कंपनी अपना ऑर्डर बुक और प्रोजेक्ट डिलीवरी में स्थिरता दिखाती है, तब तक इस IPO को एक रणनीतिक निवेश मानना उचित हो सकता है, लेकिन बाजार की अनिश्चितता को भी नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता
मैंने देखा है कि कई लोग इस IPO पर उत्साहित हैं, लेकिन चलिए सब मिलके सोचते हैं कि ये हमारे पोर्टफोलियो में कैसे फिट होगा।
सबसे पहले, यह ठीक है कि आप सभी इस निवेश के बारे में गहराई से सोच रहे हैं। अपने वित्तीय लक्ष्यों को स्पष्ट करें और फिर इस IPO को एक विकल्प के रूप में देखें। यदि यह आपके दीर्घकालिक रणनीति के साथ मेल खाता है, तो भाग लेना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन याद रखें, विविधीकरण हमेशा एक अच्छा विचार है।
गरुड़ा का IPO एक नया अध्याय खोल सकता है, लेकिन अंत में सब इसी बाजार के उतार‑चढ़ाव से ही तय होगा।