EPF नियम 2025: PF निकासी में बड़ा बदलाव, घर और आपातकाल में मिलेगी ज्यादा राहत

EPF नियम 2025: PF निकासी में बड़ा बदलाव, घर और आपातकाल में मिलेगी ज्यादा राहत
20 सितंबर 2025 Anand Prabhu

EPF नियम 2025: अब घर, नौकरी छूटने और मेडिकल जरूरतों में ज्यादा हाथ खुला

मकान की बुकिंग अटक रही हो, नौकरी बदलने के बीच कैश की दिक्कत हो, या अचानक मेडिकल बिल आ जाए—सरकार ने EPF नियम 2025 में ऐसा बदलाव किया है जो इन हालात में जेब ढीली किए बिना काम चलाने में मदद करेगा। नई व्यवस्था के तहत हाउसिंग के लिए 3 साल बाद 90% तक निकासी, बेरोजगारी पर चरणबद्ध निकासी, और डिजिटल रास्ते से तेज़ भुगतान—सब एक साथ लागू किए जा रहे हैं।

EPFO भारत का सबसे बड़ा रिटायरमेंट फंड संस्थान है, और इसके सक्रिय सदस्य 8–9 करोड़ के बीच माने जाते हैं। नियम बदलने का सीधा असर वेतनभोगी परिवारों के बजट, होम लोन EMI और आपात जरूरतों की फंडिंग पर पड़ेगा।

क्या बदला—एक नजर

  • हाउसिंग निकासी: EPF स्कीम, 1952 में नए Para 68-BD के तहत खाता खुलने के 3 साल बाद घर खरीदने/निर्माण या EMI चुकाने के लिए PF कॉर्पस का 90% तक निकाल सकेंगे। यह सुविधा जीवन में सिर्फ एक बार मिलेगी।
  • पुराने नियमों से राहत: पहले 5 साल की सदस्यता जरूरी थी और सीमा 36 महीनों की संयुक्त (कर्मचारी+नियोक्ता) जमा और ब्याज तक थी। अब समय घटा और सीमा बढ़ी।
  • बेरोजगारी में सपोर्ट: 1 माह बेरोजगार रहने पर PF बैलेंस का 75% निकासी, 2 माह पूरे होने पर शेष 25% लेने का विकल्प।
  • रिटायरमेंट से पहले एक्सेस: 54 वर्ष पूरा होते ही PF बैलेंस का 90% निकाला जा सकता है; 58 वर्ष पर पूरा कॉर्पस उपलब्ध।
  • डिजिटल स्पीड: जून 2025 से UPI और ATM के जरिए 1 लाख रुपये तक तत्काल निकासी; ऑटो-क्लेम सेटलमेंट सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख।
  • फास्ट प्रोसेसिंग: वेरिफिकेशन पैरामीटर 27 से घटाकर 18 किए गए; 95% क्लेम अब 3–4 दिन में निपट रहे हैं।
  • पेपरवर्क कम: UAN Member e-Sewa पोर्टल पर KYC सही होने पर ऑनलाइन निकासी—भारी फॉर्म और दफ्तरों के चक्कर काफी हद तक खत्म।

हाउसिंग के लिए 90% निकासी का मतलब क्या है? आप अपना या जीवनसाथी के नाम घर खरीद, नया घर बनवा, या चल रहे होम लोन की EMI चुकाने के लिए सीधे PF से बड़ा हिस्सा निकाल सकेंगे। अगर पहले किसी हाउसिंग स्कीम में होने की वजह से निकासी में रोक थी, तो नई धारा के तहत स्पष्ट और व्यापक विकल्प दिए गए हैं—पर ध्यान रहे, यह मौका एक बार ही मिलेगा।

रिटायरमेंट-टेनिंग यानी 54 साल पर 90% निकासी का प्रावधान उन लोगों के लिए राहत है जो सुपरएन्युएशन से पहले बड़े खर्च (जैसे बच्चों की उच्च शिक्षा, घर का कर्ज घटाना) संभालना चाहते हैं। 58 साल पर पूरा PF लेने का नियम बरकरार है।

नौकरी छूटने के समय कैश फ्लो सबसे बड़ी चिंता होती है। अब 1 महीने में PF बैलेंस का 75% निकाल पाना और 2 महीने में शेष 25% तक पहुंचना ट्रांजिशन पीरियड को कवर कर सकता है। अगर इस दौरान नई नौकरी मिल जाए, तो बैलेंस निकालने के बजाय ट्रांसफर कर देना दीर्घकाल में बेहतर रहता है।

डिजिटल मोर्चे पर बदलाव तेज हैं। UPI/ATM से 1 लाख तक तत्काल निकासी का फीचर आपात स्थिति में गेम-चेंजर साबित हो सकता है—मान लीजिए रात में अस्पताल में एडमिट करना पड़ा, तो 24x7 फंड एक्सेस मिलना बड़ा राहत देगा। ऑटो-सेटलमेंट सीमा 5 लाख होने से छोटे-मझोले क्लेम में फाइलिंग-टू-क्रेडिट का समय कम होगा।

आंशिक निकासी के मोर्चे पर भी नियम स्पष्ट हैं। आमतौर पर मेडिकल उपचार के लिए कोई न्यूनतम सेवा अवधि नहीं लगती और फंड उपलब्धता का मानदंड ढीला होता है, जबकि शादी या शिक्षा जैसे मामलों में 7 साल की सेवा के बाद कर्मचारी हिस्से का लगभग 50% तक निकालने की छूट मिलती है। घर की रिपेयर/रिनोवेशन पर प्रचलित नियमों में बेसिक+DA के कई गुना तक निकासी की अनुमति होती है—सटीक सीमा आपके वेतन-संरचना और दस्तावेज़ों पर निर्भर करेगी।

टैक्स का हिसाब याद रखें। खाता खुलने के 5 साल के भीतर PF निकासी टैक्सेबल हो जाती है। 50,000 रुपये से कम निकासी पर टीडीएस नहीं कटेगा; 50,000 से ऊपर और 5 साल पूरे न होने पर सामान्यतः PAN देने पर 10% और PAN न होने पर 20% TDS लग सकता है। पांच साल की सतत सेवा पूरी होने पर निकासी आम तौर पर टैक्स-फ्री रहती है। अगर आपने पहले धारा 80C में PF पर टैक्स छूट ली थी और 5 साल से पहले निकासी की, तो वह छूट रिवर्स हो सकती है।

ध्यान दें, हाल के वर्षों में कर्मचारी योगदान पर सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक हिस्से के ब्याज पर अलग से टैक्स का प्रावधान भी आया था। यह नियम PF निकासी से अलग है, पर कुल टैक्स प्लानिंग करते समय इसे भी जोड़कर देखें।

प्रक्रिया कैसी रहेगी? UAN, आधार, PAN और बैंक अकाउंट KYC पूरी होनी चाहिए। e-Sewa पोर्टल में लॉगिन कर अपने सेक्शन के मुताबिक क्लेम चुनें—एडवांस (Form-31), फाइनल सेटलमेंट (Form-19) या पेंशन संबंधित (Form-10C/10D)। बैंक IFSC, कैंसल्ड चेक, और सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट (जैसे मेडिकल एस्टिमेट, एडमिशन स्लिप, प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट/लोन स्टेटमेंट) अपलोड रखें। सबमिट के बाद ट्रैकिंग नंबर मिल जाएगा।

जून 2025 के बाद जो इंस्टेंट निकासी सुविधा आएगी, उसके लिए UPI हैंडल/ATM कार्ड लिंकिंग और लिमिट सेटिंग जैसी औपचारिकताएं संभव हैं—EPFO इसके ऑपरेशनल गाइडलाइन अलग से जारी करेगा। ऑटो-सेटलमेंट में अभी चुनी हुई श्रेणियों के क्लेम पहले कवर होंगे; धीरे-धीरे दायरा बढ़ सकता है।

क्या यह आपके रिटायरमेंट कॉर्पस को कमजोर करेगा? यह असली सवाल है। 90% तक निकालना लुभावना है, पर भविष्य की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। होम लोन के प्रीपेमेंट और PF में बने रहने वाले ब्याज—दोनों की दरों की तुलना करें। अगर आपका होम लोन 9%+ पर है और PF ब्याज 8% के आसपास है, तो कुछ हिस्सा निकालकर कर्ज घटाना समझदारी हो सकती है, पर पूरा खाता खाली करना नहीं।

एक छोटा उदाहरण मानें: आपके PF में 12 लाख रुपये हैं। आप 9% पर चल रहे 30 लाख के होम लोन का बोझ घटाना चाहते हैं। PF से 6–8 लाख निकालकर लोन प्रिंसिपल कम करेंगे तो EMI घटेगी और ब्याज बचत होगी, पर PF बैलेंस भी कटेगा। ऐसे में इमरजेंसी फंड (कम से कम 6–9 महीने का खर्च) अलग रखकर ही निकासी तय करें।

कुछ आम सवाल—कितनी बार हाउसिंग निकासी? नए प्रावधान में यह एक बार का मौका है। क्या संयुक्त संपत्ति पर निकासी मिलती है? सामान्यतः स्वयं/जीवनसाथी के नाम संयुक्त संपत्ति पर मिलती है, परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर नहीं। क्या यह NPS पर भी लागू है? नहीं, NPS के नियम अलग हैं।

कुल मिलाकर संदेश साफ है—सरकार ने PF को सिर्फ रिटायरमेंट खाता नहीं, बल्कि जीवन के बड़े पड़ावों में भरोसेमंद कैश सपोर्ट टूल बनाया है। अब आपकी जिम्मेदारी है कि जरूरत, टैक्स, और रिटायरमेंट सुरक्षा—तीनों का बैलेंस सोच-समझकर करें।

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8 टिप्पणि

Surya Banerjee
Surya Banerjee सितंबर 20, 2025 AT 20:08

नमस्ते मित्रों, नया EPF नियम 2025 काफी उपयोगी लग रहा है। घर के लिये 90% तक निकासी की संभावना अब 3 साल बाद मिल जाएगी, जो कई लोगों की झंझट को कम करेगी। बेरोजगारी में 75% निकालने की सुविधा भी तेज़ राहत देती है, खास कर जब नई नौकरी का इंतज़ार हो। डिजिटल माध्यम से UPI और ATM से तुरंत 1 लाख तक निकाला जा सकेगा, जिससे किसी भी इमरजेंसी में मदद मिलेगी। लेकिन याद रहे, PF को पूरी तरह खत्म करने से भविष्य की सुरक्षा में खामि आ सकती है, इसलिए सोच‑समझकर कदम उठाएँ।

Sunil Kumar
Sunil Kumar सितंबर 21, 2025 AT 18:22

अरे या, अब PF से 90% निकाल सकते हैं, जैसे कोई जादू का झाड़ू हो! सच में, यह अपडेट बहुत ही रंगीन और करिश्माई है, पर थोड़ा संभल कर प्रयोग करो। अगर आप 3 साल बाद घर लेना चाहते हैं, तो दस्तावेज़ तैयार रखो, नहीं तो "घर" का सपना केवल कागज़ पर ही रह जाएगा। बेरोजगारी में 75% निकासी का मतलब है, आप एक महीने में भी फोकस्ड प्लान बना सकते हो, पर दो महीने में पूरा बैलेंस नहीं ले लेना अच्छा नहीं। डिजिटल प्रोसेसिंग तेज़ है, पर UPI लिमिट 1 लाख से ज्यादा नहीं, इसलिए बड़े खर्चों के लिये पहले से योजना बनाओ।

Ashish Singh
Ashish Singh सितंबर 22, 2025 AT 16:35

समुचित रूप से यह कहा जाता है कि राष्ट्रीय आर्थिक स्थिरता का अभिन्न घटक वैयक्तिक बचत है, और इसमें EPF का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। नई 2025 की धारा को हम राष्ट्रीय हित के लिए एक सकारात्मक कदम के रूप में देख सकते हैं, परन्तु इसका दुरुपयोग कब होगा, यह चिंता का विषय है। 90 प्रतिशत तक निकासी की अनुमति का दुरुपयोग कर कोई भी अपने भविष्य की सुरक्षा को कमजोर कर सकता है, जो राष्ट्रीय वित्तीय सुरक्षा के विरुद्ध है। इसीलिए, प्रत्येक नागरिक को चाहिए कि वह इस सुविधा का उपयोग परम आवश्यकतानुसार ही करे, अन्यथा यह नीतिगत उद्देश्य को ही नष्ट कर देगा। अतः, इस नियम के प्रयोग में विवेक और राष्ट्रीय कर्तव्य दोनों का ध्यान रखना अपरिहार्य है।

ravi teja
ravi teja सितंबर 23, 2025 AT 14:48

बिलकुल सही कहा, बहुत बढ़िया अपडेट!

Harsh Kumar
Harsh Kumar सितंबर 24, 2025 AT 13:02

सही में, ये बदलाव लोगों की जिंदगी में राहत लेकर आएंगे 😊। खासकर जब घर की EMI या अचानक मेडिकल बिल की बात आती है, तो तुरंत फंड उपलब्ध होना बड़ा सहारा देगा। लेकिन याद रखें, निकासी के बाद आपके पास बचा हुआ PF कॉर्पस कम रहेगा, इसलिए भविष्य की योजना बना कर ही लेन‑देन करें। सभी दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें, ताकि क्लेम प्रोसेसिंग में कोई देरी न हो। इस नए डिजिटल विकल्प का भरपूर फायदा उठाएँ, लेकिन समझदारी से! 🙌

suchi gaur
suchi gaur सितंबर 25, 2025 AT 11:15

वाकई, यह परिवर्तन अत्यंत विशिष्ट और परिष्कृत है 🌟। ऐसा लगता है मानो वित्तीय रणनीति का नया अध्याय खुल गया हो, जहाँ हम सबको अपने अधिकारों का भलीभांति उपयोग करना चाहिए। हालांकि, इस सुविधा का प्रयोग करते समय प्रीमियम कल्चर को नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि यह हमारे सामाजिक वर्गीकरण को भी दर्शाता है। यदि हम इसे सावधानीपूर्वक अपनाएँ, तो यह हमारे आर्थिक परिदृश्य को और भी श्रेष्ठ बना देगा। 🏛️

Rajan India
Rajan India सितंबर 26, 2025 AT 09:28

यार, अब तो PF से पैसा निकालना इतना आसान हो गया है कि मैं भी सोच रहा हूँ घर की डाउन पेमेंट में इसका इस्तेमाल करूँ। बस यूँ सोचो, अगर तुम्हें जल्दी में कुछ चाहिए तो UPI से 1 लाख तक फटाफट मिल जाएगा, वाकई में बड़ी सुविधा है। लेकिन साथ ही, मैं अपने दोस्त को भी सलाह दूँगा कि PF को पूरी तरह खत्म मत करो, क्योंकि बाद में रिटायरमेंट में ये सबसे बड़ी बचत होगी। चलो, योजना बनाते हैं और सोच‑समझ के साथ कदम बढ़ाते हैं।

Parul Saxena
Parul Saxena सितंबर 27, 2025 AT 07:42

PF को केवल रिटायरमेंट के लिए देखना एक पुरानी सोच है जिसे हमें छोड़ देना चाहिए। वित्तीय जीवन के कई बड़े कदम-घर खरीदना, शिक्षा, स्वास्थ्य-सबके लिए एक लचीला फंड डिजाइन होना आवश्यक है। नए 2025 के नियम ने इस लचीलापन को सरकारी संरचना में एकीकृत किया है, जिससे व्यक्तिगत बचत का पोर्टफोलियो अधिक बहुमुखी बनता है। हालांकि 90% निकासी का विकल्प आकर्षक लगता है, इसे प्रयोग करने से पहले कई बिंदुओं का विस्तृत विश्लेषण आवश्यक है। सबसे पहला प्रश्न है, क्या आपके पास पर्याप्त आपातकालीन निधि मौजूद है या आप PF को ही बैकअप मान रहे हैं? यदि आप पहले से ही एक आरक्षित फंड रखते हैं, तो PF से बड़ी राशि निकालना संभवतः आवश्यक नहीं होगा। दूसरा, निकाली गई राशि पर संभावित टैक्स प्रभाव को समझना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पाँच साल से कम अवधि में निकाली गई राशि पर TDS लागू हो सकता है। तीसरा, भविष्य में रिटायरमेंट के दौरान आय की निरंतरता को देखना आवश्यक है; PF के मूलधन और ब्याज दोनों ही सुरक्षित आय के स्रोत बनते हैं। इसलिए, निकासी से पहले यह गणना करना चाहिए कि आप कितना पैसा निकाल सकते हैं जिससे आपके भविष्य की आय पर नकारात्मक असर न पड़े। चतुर्थ, यदि आप गृह ऋण का बोझ घटाना चाहते हैं, तो PF से केवल आवश्यक राशि निकालना समझदारी होगी, जबकि शेष बैलेंस को निवेश या बचत के रूप में बनाए रखें। पाँचवाँ, डिजिटल निकासी प्रक्रिया तेज़ और सुविधाजनक है, परन्तु इसे सुरक्षित रखने के लिए दो‑फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन और KYC दस्तावेज़ सही रखना अनिवार्य है। अंत में, यह नियम हमें एक नई वित्तीय लचीलापन प्रदान करता है, पर इसका बुद्धिमानी से उपयोग तभी लाभदायक होगा। इसलिए, योजना बनाकर, आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखकर और टैक्स तथा भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही इस सुविधा का लाभ उठाएँ।

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