30 मई 2024
बुधवार, 29 मई, 2024 को दिल्ली में अचानक मौसम में बदलाव देखा गया, जब शहर के विभिन्न हिस्सों में हल्की बारिश हुई। इससे पहले, दिल्ली ने अपने इतिहास का सबसे ऊँचा तापमान 52.9°C दर्ज किया था। यह राहत की बारिश उस समय आई जब दिल्ली वासी अत्यधिक गर्मी का सामना कर रहे थे। बारिश का असर केंद्रीय दिल्ली, आईटीओ, पश्चिम और पूर्वी दिल्ली तथा नोएडा जैसे क्षेत्रों में दिखा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हल्की बारिश और तेज हवाओं के साथ गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई थी। आईएमडी के मुंगेशपुर मौसम स्टेशन ने इस रिकॉर्ड-तोड़ तापमान को दर्ज किया। बताया गया कि यह तीव्र गर्मी राजस्थान से आने वाली गरम हवाओं की वजह से थी, जो खासतौर पर दिल्ली के बाहरी हिस्सों को प्रभावित करती है।
इस भीषण तापमान ने दिल्ली के बिजली की खपत को भी नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया, जिससे शहर का पीक पावर डिमांड 8,302 मेगावॉट के स्तर पर पहुंच गया। शहर में इस चरम मौसम की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने जल अपव्यय पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने की घोषणा की। इसका कारण दिल्ली में जल की गंभीर कमी को बताया गया और हरियाणा पर यमुना नदी से दिल्ली की हिस्सेदारी का पानी जारी नहीं करने का आरोप भी लगाया गया।
हालांकि, इस ऐतिहासिक तापमान ने नागरिकों के दैनिक जीवन को बेहद प्रभावित किया। लोग सड़कों पर निकलने से बच रहे थे और अधिकतर अंदर ही रहना पसंद कर रहे थे। कई लोगों ने अपने कार्यालय और घरों से बाहर निकलने से परहेज किया और बाजारों में भीड़ कम हो गई।
ट्रैफिक पुलिस को भी अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ी। सड़कों पर धूल और तेज गर्मी के बावजूद ट्रैफिक नियंत्रण जारी रहा। तापमान में अचानक गिरावट के बाद, दिल्ली के लोग थोड़ा राहत महसूस कर रहे थे।
आईएमडी के प्रमुख वैज्ञानिकों का मानना है कि यह गर्मी की लहर जलवायु परिवर्तन का एक संकेत है। उनका कहना है कि आने वाले वर्षों में इसी तरह के मौसम की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।
दिल्ली की एक निवासी, रोशनी शर्मा, जो कि एक कॉलेज की छात्रा हैं, ने बताया कि वह इतनी राहत महसूस कर रही हैं कि बारिश ने पुनः जीवन की तरह महसूस कराया। 'गर्मी इतनी भयानक हो गई थी कि घर से बाहर निकलना असंभव हो गया था। आज की बारिश ने हमें राहत दी है।' रोशनी की ही तरह और भी कई लोग इस अद्भुत राहत का आनंद ले रहे थे।
दिल्ली सरकार और अन्य संगठनों ने सलाह दी है कि नागरिक गर्मी के दौरान घर के अंदर ही रहें, आवश्यकता के अनुसार पानी पीते रहें और अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं। इसमें हल्के और सूती कपड़े पहनना, सिर को ढक कर रखना और बाहर जाने से पहले पर्याप्त जल का सेवन करना शामिल है।
इस बीच, जलवायु विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि अन्य शहरों को भी इस प्रकार की आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित नीतियों को और मजबूत करना आवश्यक है।
भविष्य में, दिल्ली जैसे शहरों को इस तरह के मौसम संबंधी आपदाओं के लिए बेहतर तैयारियों और आपातकालीन सेवाओं की आवश्यकता होगी। जल प्रबंधन, ऊर्जा बचत तथा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस प्रकार की हीटवेव और जल संकट से निपटा जा सके।
आखिरकार, दिल्ली के लोगों के लिए आज का दिन एक बड़ी राहत का दिन साबित हुआ, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि वे समझें कि इस प्रकार की आपदाएँ हमारे पर्यावरण पर बढ़ते दबाव का संकेत हैं। हमें सामूहिक रूप से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित और महफूज रख सकें।