बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'हमारे बारह' फिल्म रिलीज़ को दी मंजूरी, आपत्तिजनक हिस्से हटाने की शर्त पर

19 जून 2024
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'हमारे बारह' फिल्म रिलीज़ को दी मंजूरी, आपत्तिजनक हिस्से हटाने की शर्त पर

फिल्म 'हमारे बारह' पर विवाद और अदालत का हस्तक्षेप

बॉलीवुड फिल्मों के संदर्भ में पिछला कुछ समय विवादों से भरा रहा है, और 'हमारे बारह' भी इसका अपवाद नहीं है। इस फिल्म में प्रमुख भूमिका निभा रहे अभिनेता अन्नू कपूर की यह फिल्म अपनी रिलीज से पहले ही कानूनी विवादों में घिर गई थी। फिल्म के खिलाफ दाखिल याचिकाओं में दावा किया गया था कि इसमें कुरान का विकृतीकरण किया गया है और यह इस्लामिक धर्म तथा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। इस कारण से फिल्म की निर्धारित रिलीज़, पहले 7 जून और फिर 14 जून, को टाल दिया गया।

बॉम्बे हाईकोर्ट का निर्णय

फिल्म की समीक्षा और सुनवाई के बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावल्ला और फ़िरदौस पूनीवाला की दो सदस्यीय बेंच ने मामले पर निर्णय लिया। अदालत ने फिल्म को रिलीज़ के लिए मंजूरी दी, लेकिन इसके लिए आवश्यक शर्तें भी लगा दीं। निर्माताओं ने अपने विवादास्पद तत्वों को हटाने और कुछ और परिवर्तनों को शामिल करने पर सहमति जताई। इनमें फिल्म की शुरुआत में डिस्क्लेमर जोड़ना और कुछ संवादों को बदलना शामिल था। इसके अलावा, एक और कुरान की आयत को भी फिल्म में जोड़ने का निर्देश दिया गया। इन सभी परिवर्तनों के बाद फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया गया।

निर्माताओं पर जुर्माना और अदालत का निर्देश

निर्माताओं पर जुर्माना और अदालत का निर्देश

अदालत ने फिल्म के ट्रेलर को बिना प्रमाणन जारी करने पर निर्माताओं पर ₹5 लाख का जुर्माना भी लगाया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट को इस मामले में उचित निर्णय करने का निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी तय किया कि फिल्म में मुस्लिम समुदाय या कुरान के खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं है और इसका उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है।

फिल्म की आगामी रिलीज और इसके संभावित प्रभाव

अदालत के निर्णय के अनुसार, फिल्म अब 21 जून को रिलीज़ होगी। हर न्यायपालिका प्रयोग और निर्णय के साथ, सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाना कठिन हो जाता है। इस प्रकार के मामले उद्योग जगत और समाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण समर्पण की आवश्यकताएं दर्शाते हैं। फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह एक नयी सीख है कि किसी भी धार्मिक या समाजिक संवेदनशील मुद्दे को सावधानीपूर्वक संभाला जाए, ताकि कोई भी समुदाय आहत न हो।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

हम आशा करते हैं कि 'हमारे बारह' फिल्म अपने निर्धारित समय पर रिलीज़ होगी और दर्शकों के बीच अपनी जगह बनाएगी। साथ ही, इस घटना ने फिल्म निर्माता और लेखक समुदाय को यह संदेश भी भेजा है कि रचनात्मक स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है, जिसे ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला सिनेमाई अभिव्यक्ति और संवेदनशीलता के बीच संतुलन की एक महत्वपूर्ण मिसाल है।

इसे साझा करें:

एक टिप्पणी लिखें