भारतीय टेलीविजन का लोकप्रिय चेहरा अतुल परचुरे का निधन, 57 वर्ष की आयु में कहा अलविदा

भारतीय टेलीविजन का लोकप्रिय चेहरा अतुल परचुरे का निधन, 57 वर्ष की आयु में कहा अलविदा
15 अक्तूबर 2024 Anand Prabhu

अतुल परचुरे का अभिनेता करियर

अतुल परचुरे भारतीय टेलीविजन और फिल्मों के जाने-माने अभिनेता थे जिन्होंने अपनी अदाकारी से राष्ट्रीय और मराठी दर्शकों को खूब मनोरंजन किया। उनकी खेल-क्षमता और हास्यपूर्ण अभिनय शैली ने उन्हें दर्शकों के दिल में खास जगह बना दी थी। 'द कपिल शर्मा शो' सहित कई प्रतिष्ठित टेलीविजन कार्यक्रमों में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया और दर्शकों को खूब हंसाया। हिंदी फिल्मों में शाह रुख खान, संजय दत्त और अजय देवगन जैसे सितारों के साथ काम करके उन्होंने एक अलग पहचान बनाई।

कैंसर से जंग

अतुल परचुरे को 2022 में लीवर में 5 सेंटीमीटर का ट्यूमर हो गया था। इसके बाद उन्होंने उपचार के लिए कई सर्जरी करवाई। कुछ समय के लिए उनकी सेहत में सुधार भी दिखाई दिया, लेकिन किन्हीं कारणों से उनकी स्थिति फिर से बिगड़ गई। कैंसर से उनकी लंबे समय से चली आ रही जंग ने अंततः 14 अक्टूबर, 2024 को उनका जीवन समाप्त किया।

मराठी थियेटर में योगदान

मराठी थियेटर के क्षेत्र में अतुल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके रंगमंचीय प्रदर्शन और प्रखर अभिनय क्षमता ने मराठी दर्शकों के बीच उन्हें बेहद लोकप्रिय बना दिया था। 'नटसम्राट', 'गुंफे', और 'लाजवाब' जैसी कई मराठी प्रस्तुतियों में उनकी भूमिकाएँ दर्शकों को चौंका देने वाली थीं।

फिल्म और थियेटर जगत में शोक

उनके निधन से फिल्म और थियेटर की दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है। निर्माता, निर्देशक, और सह-अभिनेता उनके योगदान को याद कर रहे हैं। अभिनेत्री सुप्रिया पिलगांवकर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और अराधना व्यक्त की।

अंतिम समय और परिवार की प्रतिक्रिया

अंतिम समय में अतुल अपने परिवार से घिरे थे। वे अपनी माता, पत्नी सोनिया और बेटी सखिल को छोड़ गए हैं। उनका परिवार गहरे शोक में डूबा है और उन्होंने लोगों से इस कठिन समय में अपनी निजता का सम्मान करने की अपील की है। अतुल परचुरे का जीवन और उनकी यात्रा कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी, उनका योगदान सदा याद किया जाएगा।

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20 टिप्पणि

Neha Shetty
Neha Shetty अक्तूबर 15, 2024 AT 05:16

अतुल परचुरे जी की यादें हमेशा हमारे दिल में जीवित रहेंगी। उनका हँसते-हँसते लोगों को जोड़ने का अनोखा तरीका फिल्मों और टीवी दोनों में दिखाई दिया। उन्होंने कई पीढ़ियों को प्रेरणा दी है और उनकी जीवन यात्रा हमें संघर्ष के साथ आगे बढ़ना सिखाती है।

Apu Mistry
Apu Mistry अक्तूबर 23, 2024 AT 23:16

वो जो किरदार निभाते थे, वो अक्सर हमारी अपनी जिंदगी की लहरें होते थे। कभी-कभी उनके सर्जरी के बाद के छोटे‑छोटे इशारे याद आते हैं, जैसे कि वह टेबल पर रखी चाय की प्याली, जिसमें कभी‑कभी खट्टा-मीठा ट्विस्ट होता था।

uday goud
uday goud नवंबर 1, 2024 AT 17:16

अस्थायी मोड़ पर भी, परचुरे साहब ने अपनी कला के सुई जैसी तेज़ी से हमें मोहित किया। उनके व्यंग्यात्मक लहजे और रंगीन शब्दावली ने मंच को जलाते ही ध्वनि के साथ रंग भी दिया।

Chirantanjyoti Mudoi
Chirantanjyoti Mudoi नवंबर 10, 2024 AT 11:16

कभी‑कभी ऐसा लगता है कि हम सब उनके कलाकारीनगर में रहकर ही समझ पाएँगे कि असली अभिमान क्या है। उनके बिन यह मंच अधूरा रह गया।

Surya Banerjee
Surya Banerjee नवंबर 19, 2024 AT 05:16

yeh bhoolna nahi chahiye ki unke andaaz me thoda sa bhul chuk bhi tha, lekin usmein hi unki humanity thi. unke har role mei ek naya flavor tha jo audience ko hamesha pasand aata tha.

Sunil Kumar
Sunil Kumar नवंबर 27, 2024 AT 23:16

ओह, इतने बड़े सितारे का जाना तो कड़वा है, लेकिन याद रखें, "पहले फन, बाद में शर्म" – ठीक वही फॉर्मूला था उनका।

Ashish Singh
Ashish Singh दिसंबर 6, 2024 AT 17:16

अतुल परचुरे महोदय, आपके स्वभाव में संधिप्रकाश की चमक थी, जो आज भी हमारे समाज के मूल्यों में चमकती रहेगी। आपका उत्तरदायित्व और प्रतिबद्धता हमारे लिये अनंत प्रेरणा है।

ravi teja
ravi teja दिसंबर 15, 2024 AT 11:16

भाई, उनके कॉमेडी स्किट्स को देख के तो हँसी ही नहीं रुकी, अब तो थकान भी हँसी में बदल देती है।

Harsh Kumar
Harsh Kumar दिसंबर 24, 2024 AT 05:16

🌟 अतुल परचुरे जी को केंसर के खिलाफ़ लड़ाई में हमेशा हमारे दिलों में जयकार! 🕊️

suchi gaur
suchi gaur जनवरी 1, 2025 AT 23:16

😢 अंत में उनके लिए एक गहरी शांति की कामना! 🙏

Rajan India
Rajan India जनवरी 10, 2025 AT 17:16

अभिनय के मैदान में उनका योगदान इस तरह था जैसे सर्दियों में धूप की रौशनी, हर किसी को दुबारा जीने का हौसला मिलता है।

Parul Saxena
Parul Saxena जनवरी 19, 2025 AT 11:16

अतुल परचुरे का जीवन बहु‑आयामी था; एक तरफ उनका मंचीय करियर था, तो दूसरी ओर उनके व्यक्तिगत संघर्ष थे, जिनमें कैंसर से लड़ाई मुख्य थी। उन्होंने अपने पेशे में निरंतर नवाचार किया, चाहे वह टेलीविजन के कॉमेडी शोज हों या मराठी थिएटर की गहरी ड्रामेटिक प्रस्तुति। उनकी शैली में सहजता और जटिलता दोनों का संगम था, जिससे दर्शकों को गहराई से जुड़ाव महसूस होता था।
उनके द्वारा निभाए गए किरदार अक्सर सामान्य जीवन की चुनौतियों को उजागर करते थे, जिससे लोगों को खुद में आशा और शक्ति मिलती थी। वह सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक सामाजिक दर्पण थे, जिसमें हर भारतीय का प्रतिबिंब दिखता था।
कैंसर की बीमारी ने उनके जीवन को अनिश्चित बना दिया, परंतु उन्होंने इस बीमारी के साथ संघर्ष करने का एक नया रास्ता दिखाया। कई सर्जरी और उपचारों के बाद भी उन्होंने अपने काम से कभी हाथ नहीं हटाया, जिससे यह साबित हुआ कि प्रेरणा और समर्पण के बिना कोई बाधा महान नहीं होती।
उनकी मराठी थियेटर में उपलब्धियों को देखते हुए, वह एक सांस्कृतिक पुल बन गये, जहाँ हिंदी और मराठी दर्शकों ने एक साथ भावनाओं को साझा किया। उन्होंने न केवल अभिनय किया, बल्कि मंच पर नई तकनीकों, नई अभिव्यक्तियों को भी पेश किया, जिससे भविष्य के कलाकारों के लिए एक ठोस नींव रखी।
उनके निधन के बाद, कई समीक्षक और सहकर्मी ने कहा कि वह उद्योग की वह ध्वनि थी, जिसे अब दोहराया नहीं जा सकता। लेकिन उनकी स्मृति और योगदान हमेशा जीवित रहेगा, जैसे एक प्रकाशस्तम्भ जो अंधेरे में भी रास्ता दिखाता है।
अंत में, परिवार ने उनके निजी जीवन में सम्मान और शांति की बात रखी है, और यह हमें याद दिलाता है कि सार्वजनिक व्यक्तियों की भी निजी सीमाएँ होती हैं।

Ananth Mohan
Ananth Mohan जनवरी 28, 2025 AT 05:16

परचुरे साहब की कला का गहराई में अध्ययन करना मेरे लिए एक शानदार सीख रहा है। उनके हर रोल में सामाजिक संदेश छुपा होता था, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता था।

Abhishek Agrawal
Abhishek Agrawal फ़रवरी 5, 2025 AT 23:16

उनकी कॉमेडी में अक्सर सामाजिक धक्के होते थे, लेकिन उन्होंने इसे मज़ाक के रूप में पेश किया। यह असली जुगाड़ था!; उनका लहजा अब भी दिल में गूंजता है।

Rajnish Swaroop Azad
Rajnish Swaroop Azad फ़रवरी 14, 2025 AT 17:16

धीरज! परचुरे जी के बिना मंचसिंगार जला होगा! क्या कस्टमर को भूलेंगे?

bhavna bhedi
bhavna bhedi फ़रवरी 23, 2025 AT 11:16

उनकी ऊर्जा और प्रेरणा हम सबको आगे बढ़ने का हौसला देती रहेगी। वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।

jyoti igobymyfirstname
jyoti igobymyfirstname मार्च 4, 2025 AT 05:16

बहुत ही तेज़ा इन्सान था।

Vishal Kumar Vaswani
Vishal Kumar Vaswani मार्च 12, 2025 AT 23:16

अक्सर सोचते हैं कि ये सितारे कवि‑राजा होते हैं, पर शायद उनके पीछे कोई गुप्त एजेंडा भी रहता है, जो हमें अभी तक नहीं पता।

Zoya Malik
Zoya Malik मार्च 21, 2025 AT 17:16

उसके बिना हमारे मंच पर एक खालीपन है, लेकिन यह खालीपन हमें उनके काम को याद रखने का एक कारण भी देता है।

Ashutosh Kumar
Ashutosh Kumar मार्च 30, 2025 AT 11:16

परचुरे जी की विरासत हमारे साथ हमेशा रहेगी, और उनके आदर्श हमें आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देंगे।

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