अनुरा कुमारा डिसानायके बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति: युवाओं के समर्थन से मिली जीत

अनुरा कुमारा डिसानायके बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति: युवाओं के समर्थन से मिली जीत
23 सितंबर 2024 Anand Prabhu

अनुरा कुमारा डिसानायके की ऐतिहासिक जीत

श्रीलंका में राजनीतिक इतिहास का एक नया अध्याय खुल गया है जब 55 वर्षीय मार्क्सवादी विधायक अनुरा कुमारा डिसानायके ने राष्ट्रपति चुनाव में विजयी होकर पुराने राजनीतिक गार्ड को दरकिनार किया। चुनाव आयोग के द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, डिसानायके ने 5,740,179 वोट प्राप्त किए और विपक्षी नेता साजित प्रेमदासा को पराजित कर दिया। प्रेमदासा को 4,530,902 वोट मिले थे। इस चुनावी नतीजे से साफ है कि देश की जनता पारंपरिक राजनीतिक नेतृत्व को खारिज कर एक नए और पारदर्शी नेतृत्व की ओर देख रही है।

देश के आर्थिक संकट के बीच जनादेश

यह चुनाव श्रीलंका के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, क्योंकि यह देश अंतिम चरण में आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पिछले राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे ने क्राइसिस के दौरान कार्यभार संभाला था, लेकिन उनकी नीतियों का असर बहुत ही मिश्रित रहा। डिसानायके ने अपने अभियान के दौरान विशेष रूप से कामकाजी लोगों और राजनीतिक अभिजात्यवर्ग के विरोध में अपनी बात रखी, जिससे वे युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो गए।

निर्वाचन प्रणाली और जनमत

श्रीलंकाई निर्वाचन प्रणाली में चुनिंदा क्रम में तीन उम्मीदवारों को वोट देने का प्रावधान है। इस प्रणाली के तहत यदि कोई उम्मीदवार 50% से अधिक वोट नहीं प्राप्त करता है, तो शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच बैलेट की गिनती करके विजेता घोषित किया जाता है। इस प्रणाली ने डिसानायके को पिछले चुनाव में सिर्फ 3% वोट मिलने के बावजूद इस बार एक मजबूत जीत देने में कामयाब रही।

विक्रमसिंघे की असफलताएं और देश का भविष्य

राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे का कार्यकाल हमेशा से ही विवादों और आर्थिक चुनौतियों से भरा रहा। उनके कार्यकाल के दौरान देश ने अत्यधिक ऋण और आर्थिक असंवेदना का सामना किया। हालांकि, सरकार ने ऋण पुनर्गठन में कुछ सफलता हासिल की है, लेकिन उच्च टैक्स और जीवन यापन की कीमतों ने लोगों की समस्याओं को बढ़ा दिया है।

डिसानायके की प्रमुख चुनौतियां

अब राष्ट्रपति बने डिसानायके के सामने कई प्रमुख चुनौतियां हैं। उन्होंने IMF के बेलआउट प्रोग्राम के तहत बने समझौते को फिर से बातचीत करने की संभावना को दरकिनार नहीं किया है। उनके अनुसार, आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों के लिए संशोधन आवश्यक हैं। इस बीच, वित्त मंत्री अली साबरी ने डिसानायके को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे पारदर्शिता, अखंडता और देश के दीर्घकालिक हितों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ नेतृत्व करेंगे।

भविष्य की तर्ज़ और संभावनाएं

श्रीलंका का यह राजनीतिक परिवर्तन देश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। जनता का यह स्पष्ट संदेश है कि वे पारंपरिक राजाओं से ऊपर उठकर एक नया और ईमानदार नेतृत्व चाहते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि अनुरा कुमारा डिसानायके अपनी नीतियों और वादों को कैसे धरातल पर उतारते हैं और जनता की उम्मीदों पर खरे उतर पाते हैं या नहीं।

देश के आर्थिक संकट का मूल कारण

श्रीलंका का आर्थिक अस्तित्व मुख्यतः अत्यधिक ऋण और राजकोषीय अनुशासन की कमी के कारण हानिकारक स्थिति में पहुंच गया। COVID-19 महामारी और सरकार की विदेशी मुद्रा भंडार के उपयोग की नीति ने स्थिति को और नाजुक बना दिया। इसके परिणामस्वरूप देश में आवश्यक वस्तुओं की कमी और व्यापक असंतोष फैल गया।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और आंदोलन

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और आंदोलन

आर्थिक संकट के दौरान, जनता ने सरकार के खिलाफ प्रतिक्रिया दी थी, जिसके परिणामस्वरूप हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालयों पर कब्ज़ा करने की घटनाओं ने पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। विक्रमसिंघे ने जुलाई 2022 में शेष कार्यकाल के लिए पद संभाला था।

डिसानायके के नेतृत्व में श्रीलंका अब एक नई दिशा में अग्रसर होगा, जहां लोग नई उम्मीदें और समस्याएं लेकर उनके सामने खड़े हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे इस विश्वास को कैसे बनाये रखते हैं और आने वाले वर्षों में श्रीलंका का भविष्य कैसे आकार लेते हैं।

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16 टिप्पणि

ritesh kumar
ritesh kumar सितंबर 23, 2024 AT 21:35

सरकार के पीछे छिपे अंतरराष्ट्रीय वैम्पायर नेटवर्क ने इस चुनाव को एक बड़ा नाटक बना दिया है। यह सब एक छद्म-जनमत का जाल है।

Raja Rajan
Raja Rajan सितंबर 27, 2024 AT 18:38

डिसानायके का जीतना तथ्य है, लेकिन नीति‑परिवर्तन आवश्यक है।

Atish Gupta
Atish Gupta अक्तूबर 1, 2024 AT 15:42

वाह! यह बदलाव हवा में नया स्याह किरकिरी जंप की तरह है-उत्साह और आशा दोनों का मिश्रण।
वास्तव में, युवा वर्ग की आवाज़ अब बंधी नहीं रहेगी, वह गहरी ताल पर नाचेगी।

Aanchal Talwar
Aanchal Talwar अक्तूबर 5, 2024 AT 12:45

अश्के परा योस्सी जशिेशेे न्टो उरणाई जा र्ही है, डिसानायके की जीत से सबनको सुजन ओ फ़ीड़भ्क है।

Neha Shetty
Neha Shetty अक्तूबर 9, 2024 AT 09:48

बधाई हो अनुरा कुमारा डिसानायके को! यह बदलाव हमें एक नए संवाद की ओर ले जाता है। आशा है कि उनका दृष्टिकोण सच्ची पारदर्शिता और सामाजिक समावेशीता पर केंद्रित रहेगा।

Apu Mistry
Apu Mistry अक्तूबर 13, 2024 AT 06:52

जिंदगी की रेत में हम सब एक-दूसरे के साये हैं-पर आज की रात हवा में अजीब गंध है। डिसानायके का चुनाव मुक़द्दर का एक अध्याय है, या फिर भूले‑भुलावे की एक लहर? सोचिए, लोग कितने आसानी से आशा को पकड़ते हैं, फिर फिर छोड़ देते हैं।

uday goud
uday goud अक्तूबर 17, 2024 AT 03:55

बिलकुल, नई ऊर्जा की लहरें जैसे ताज़ा हवा, पर हमें इसे सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि ठोस योजनाओं में बदलना होगा। आर्थिक संकट का समाधान तभी संभव है जब प्रत्येक नीति स्पष्ट, मापने योग्य, और जनता के लाभ के लिए हो।
देश के भविष्य के लिए, संवाद ही नहीं, बल्कि कार्रवाई चाहिए।

Chirantanjyoti Mudoi
Chirantanjyoti Mudoi अक्तूबर 21, 2024 AT 00:58

दिखावटी जीत कभी नहीं चलती, असली बदलाव के लिए गहरी जड़ें चाहते हैं। अंत में, वही लोग देखेंगे जो सतह पर नहीं, बल्कि गहराई में उतरते हैं।

Surya Banerjee
Surya Banerjee अक्तूबर 24, 2024 AT 22:02

डिसानायके का फोकस युवा वर्ग पर सही दिशा में है, लेकिन साथ ही उन्हें एग्जीक्यूटिव टीम की स्थिरता भी सुनिश्चित करनी होगी। हमें एक सुसंगत योजना चाहिए, न कि सिर्फ़ भावना पर चलने वाले प्रॉमिस।

Sunil Kumar
Sunil Kumar अक्तूबर 28, 2024 AT 19:05

आह, एक और “नया” नेता आया, और हम सब उन्हें मैजिक वैंड से समस्या हल करने की उम्मीद में बैठे हैं। अगर जादू नहीं, तो कम से कम विस्तृत आर्थिक रोडमैप तो दे सकते हैं।

Ashish Singh
Ashish Singh नवंबर 1, 2024 AT 16:08

विक्रमसिंघे की विफल नीतियों की गहन आलोचना और नैतिक पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। एक राष्ट्र को नैतिक दृढ़ता के साथ आगे बढ़ना चाहिए, न कि स्वार्थी राजनीति से।

ravi teja
ravi teja नवंबर 5, 2024 AT 13:12

देखा जाए तो शान्ति से बात करना ही सबसे अच्छा रहता है, लेकिन कभी‑कभी जज्बा भी दिखाना चाहिए।

Harsh Kumar
Harsh Kumar नवंबर 9, 2024 AT 10:15

👍🚀 नया राष्ट्रपति, नई आशा! चलो मिलकर इस मार्ग को उज्ज्वल बनाते हैं। 😊

suchi gaur
suchi gaur नवंबर 13, 2024 AT 07:18

✨🧐 आशा है कि डिसानायके की नीतियां सिर्फ़ शब्द नहीं, बल्कि ठोस कार्य हों। 🎯

Rajan India
Rajan India नवंबर 17, 2024 AT 04:22

जटिल मुद्दे आसान हल नहीं चाहते, समय लेकर समझदारी से आगे बढ़ना पड़ेगा।

Parul Saxena
Parul Saxena नवंबर 21, 2024 AT 01:25

श्रीलंका के इस राजनैतिक मोड़ पर हमें गहराई से सोचने की आवश्यकता है; क्योंकि केवल सतह पर ही नहीं, बल्कि मूल कारणों को समझना ही वास्तविक परिवर्तन की कुंजी है।
पहला, आर्थिक संकट के मूल में इतिहासिक ऋण नीतियों की अज्ञानता और निरंतर आयात पर निर्भरता है, जिसने भौतिक संसाधनों की कमी को बढ़ा दिया।
दूसरा, वैश्विक वित्तीय संस्थानों के साथ किए गए अनुबंधों में पारदर्शिता की अनुपस्थिति ने आम जनता को निराशा की ओर धकेला।
तीसरा, राजनीतिक वर्ग के भीतर पुरानी पदानुक्रमिक संरचना ने युवा शक्ति को सत्रह मूलभूत अधिकारों से वंचित किया, जिससे सामाजिक असंतोष उत्पन्न हुआ।
चौथा, मीडिया के पक्षपाती कवरेज ने वास्तविक समस्याओं को धुंधला कर दिया, जबकि झूठे आश्वासन देकर जनता को भ्रमित किया।
पाँचवाँ, शिक्षा और कौशल विकास में निवेश की कमी ने कामगार वर्ग को असुरक्षित बना दिया, जिससे बेरोजगारी की लहर तेज़ी से उभरी।
छठा, स्वास्थ्य प्रणाली की बुनियादी ढाँचा कमजोर था, जो महामारी के दौरान और भी स्पष्ट हुआ।
सातवाँ, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों ने कृषि उत्पादन को अस्थिर कर दिया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा का प्रश्न उठ गया।
आठवाँ, विदेशी निवेशकों की अविश्वासनीयता ने विदेशी मुद्रा की आपूर्ति को घटाया, जिससे आयातित वस्तुओं की लागत बढ़ी।
नवां, भ्रष्टाचार के दीर्घकालिक प्रभाव ने सार्वजनिक धन के सही वितरण को रोक दिया, जिससे विकास कार्य रूके।
दसवाँ, सामाजिक वर्गों के बीच असमानता ने जनसंभाषण को विभाजित किया, जिससे एकसमान राष्ट्रीय दृष्टिकोण बनाना कठिन हुआ।
इन सब विचारों को मिलाकर, यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ एक नए राष्ट्रपति की नियुक्ति पर्याप्त नहीं; हमें प्रणालीगत सुधार, पारदर्शी नीति, और सभी वर्गों की सहभागीता की आवश्यकता है।
भविष्य की दिशा निश्चित रूप से चुनौतियों से भरपूर होगी, परन्तु यदि डिसानायके एवं उनके सहयोगी इन मूलभूत पहलुओं को संकल्पपूर्वक लागू करेंगे, तो यह राष्ट्र एक बार फिर से स्थिरता और समृद्धि की ओर बढ़ेगा।

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