2 जुलाई 2024
लोकसभा में अखिलेश यादव का जोरदार भाषण
समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने हाल ही में लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कड़े शब्दों में हमला बोला। उन्होंने पीएम मोदी को 'प्रचार प्रधान' कहते हुए उनके लगातार विदेश दौरों और आत्म-प्रचार पर निशाना साधा। साथ ही, सीएम योगी आदित्यनाथ को 'हत्या प्रधान' के रूप में संबोधित करते हुए, उन्होंने उत्तर प्रदेश में हुई मौतों के लिए उनको जिम्मेदार ठहराया, विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान।
प्रधानमंत्री मोदी पर हमला
अखिलेश यादव ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की बजाय अपने व्यक्तिगत प्रचार में ज्यादा रुचि रखते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के विदेश दौरे और स्वयं को प्रस्तुत करने के प्रयास केवल उनके आत्म-प्रचार के लिए होते हैं और इससे देश को कोई लाभ नहीं होता। यादव ने मोदी के नेतृत्व को विफल बताते हुए कहा कि वे केवल बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं करते।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप
यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में राज्य में मौतों की संख्या बढ़ गई है, विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान। यादव ने आरोप लगाया कि योगी केवल अपनी छवि बनाने में लगे रहते हैं और राज्य के लोगों के कल्याण के लिए कुछ नहीं करते।
बेरोजगारी और महंगाई पर चिंता
अखिलेश यादव ने बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इन मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया है और न ही इनके समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाए हैं। यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि वे राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने में ज्यादा रुचि रखते हैं बजाय नई नौकरियां सृजन करने के।
किसानों की आंदोलन पर सरकार की असंवेदनशीलता
अखिलेश यादव ने किसानों की आंदोलन पर सरकार की असंवेदनशीलता को भी जाहिर किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए हैं और केवल अपने स्वार्थ सिद्ध करने में लगी रही। यादव ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उनकी मांगों को अनसुना करना राष्ट्र के लिए हानिकारक है।
भाजपा सांसदों की प्रतिक्रिया
यादव के भाषण के दौरान भाजपा सांसदों ने जोरदार विरोध किया। उन्होंने यादव पर 'असंसदीय' टिप्पणी करने का आरोप लगाया और उनके बयान को खारिज किया। इसके बावजूद, यादव अपने शब्दों पर अडिग रहे और उन्होंने कहा कि वे जनहित के मुद्दों को उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।
अखिलेश यादव के इस हमले को 2024 लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा सरकार को घेरने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यादव ने कहा कि वे भाजपा के विकृत नीतियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे और देश के लोगों के हितों की रक्षा करेंगे।
लोकसभा में अखिलेश यादव का यह भाषण मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बयानबाजी कितनी कारगर साबित होती है और किस तरह से राजनीतिक समीकरण बदलते हैं।