2025‑26 के वित्तीय वर्ष में म्यूचुअल फंड LTCG छूट और ITR दायित्व

2025‑26 के वित्तीय वर्ष में म्यूचुअल फंड LTCG छूट और ITR दायित्व
26 सितंबर 2025 Anand Prabhu

दीर्घकालिक पूँजी लाभ कर (LTCG) छूट की नई सीमा

वित्तीय वर्ष 2025‑26 में म्यूचुअल फंड इक्विटी‑लोकस्मार्ट (EQ) या इक्विटी‑हाइब्रिड स्कीम से मिलने वाले LTCG पर नई छूट सीमा लागू हुई है। पहले के ₹1 लाख की छूट अब बढ़ाकर ₹2 लाख कर दी गई है, जिससे सालाना ₹2 लाख तक का लाभ कर‑मुक्त रहेगा। इस लाभ का लाभ तभी मिलेगा जब फंड यूनिट्स को दो वर्ष से अधिक समय तक धारण किया गया हो।

निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यदि आप कई फंडों में निवेशित हैं, तो सभी फंडों के LTCG को मिलाकर कुल राशि ₹2 लाख तक ही छूट योग्य होगी। इस सीमा से ऊपर की किसी भी राशि पर 10% कर लगेगा, लेकिन यह कर केवल इस वर्ष के आयकर रिटर्न में दिखाना होगा।

ITR फाइलिंग में नई रिपोर्टिंग आवश्यकताएँ

ITR फाइलिंग में नई रिपोर्टिंग आवश्यकताएँ

नई कर नियमावली के अनुसार, जब आपका कुल LTCG ₹2 लाख से अधिक हो, तो आपको ITR छूट की जानकारी ITR‑1 (Sah) या ITR‑2 फॉर्म में भरनी होगी। रिपोर्टिंग में दो मुख्य बिंदु हैं:

  • अधिकतम LTCG राशि का उल्लेख Schedule C में, साथ ही कर योग्य हिस्सा (10% के साथ) भी।
  • फंड इक्विटी‑हाइब्रिड या इक्विटी‑कटऑफ़ के तहत किए गए सभी इक्विटी ट्रांसैक्शन का विवरण Schedule S में शामिल करना अनिवार्य है।

यदि आप FY 2025‑26 में म्यूचुअल फंड में बार‑बार ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो ट्रेडिंग‑ऑफ़‑जैविका (TD) के तहत TDS कटौती भी लागू हो सकती है। ऐसी स्थिति में TDS रिटर्न फॉर्म 26AS में दिखना चाहिए, अन्यथा आयकर विभाग अतिरिक्त जांच कर सकता है।

विशेष रूप से एजीआर (अग्रिम कर) की आवश्यकता तब उत्पन्न होगी, जब आपका कुल कर योग्य आय ₹10 लाख से अधिक हो। इस स्थिति में आप 15% एजीआर दर पर अनुमानित कर भुगतान कर सकते हैं, जिससे आयकर रिटर्न फाइल करने के समय दण्ड से बचा जा सके।

अंत में, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी पोर्टफोलियो ट्रैकिंग शीट में हर फंड यूनिट की खरीद‑विक्री तारीख, राशि, और लागू कर दरें नोट करें। इससे ITR भरते समय गलती की संभावना काफी घट जाएगी और कर बचत का पूरा फायदा उठाया जा सकेगा।

15 टिप्पणि

ravi teja
ravi teja सितंबर 26, 2025 AT 02:58

भाई, नई LTCG छूट सुनके मन खुश हो गया। 2 लाख तक कर‑मुक्त है, तो थोड़ा ज्यादा निवेश करने में hesitation नहीं होगी।

Harsh Kumar
Harsh Kumar अक्तूबर 1, 2025 AT 21:51

वित्तीय वर्ष 2025‑26 में यह बदलाव पहलू‑विशिष्ट है, और नियमन के अनुरूप Schedule C तथा Schedule S को सही ढंग से भरना अनिवार्य है 😊। यह न केवल कर बचत में सहायक होगा, बल्कि आयकर अधिनियम के अनुपालन को भी सुदृढ़ करेगा।

suchi gaur
suchi gaur अक्तूबर 7, 2025 AT 16:45

यह परिवर्तन वास्तव में एक सीमित जनसंख्या को लाभान्वित करेगा, क्योंकि अधिकांश छोटे निवेशक इन तकनीकी बारीकियों से अनभिज्ञ रहते हैं। 😏

Rajan India
Rajan India अक्तूबर 13, 2025 AT 11:38

भाई, फॉर्म में Schedule C वगैरह भरते समय ध्यान रखना पड़ेगा, नहीं तो बाद में अक्सेस नहीं मिलेगा।

Parul Saxena
Parul Saxena अक्तूबर 19, 2025 AT 06:31

निवेशकों को यह समझना चाहिए कि नई LTCG छूट केवल एक अंकुश नहीं, बल्कि एक रणनीतिक दिशा‑निर्देश है।
जब हम कर‑मुक्त सीमा को पार करने की संभावना को पहचानते हैं, तो हमें अपने पोर्टफोलियो को पुनः मूल्यांकन करना आवश्यक हो जाता है।
पहला कदम यह है कि सभी फंड यूनिट्स की खरीद‑विक्री तिथियों को एकत्रित किया जाए।
दूसरा, प्रत्येक इकाई से प्राप्त लाभ को शीघ्रता से वर्गीकृत करें, ताकि छूट सीमा से अधिक होने पर सही कर दर लागू हो।
तीसरा, सभी LTCG को संयोजित करके कुल राशि का मिलान करें, क्योंकि सीमा संपूर्ण पोर्टफोलियो पर लागू होती है।
यदि कुल लाभ 2 लाख से अधिक हो, तो 10 % कर अनिवार्य हो जाता है, और इसे ITR‑1 या ITR‑2 में उल्लेख करना आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त, Schedule S में सभी इक्विटी‑हाइब्रिड या इक्विटी‑कटऑफ़ लेन‑देनों का विस्तृत विवरण देना चाहिए।
यह प्रक्रिया न केवल कर बचत को अधिकतम करती है, बल्कि आयकर विभाग द्वारा संभावित जांच से भी बचाती है।
एक व्यवस्थित ट्रैकिंग शीट रखने से त्रुटियों की संभावना घटती है और एजीआर (अग्रिम कर) की आवश्यकता स्पष्ट होती है।
यदि कुल कर योग्य आय 10 लाख से अधिक हो, तो 15 % एजीआर दर पर अनुमानित कर का भुगतान करना समझदारी है।
यह कदम दंड को टालता है और फाइलिंग के समय तनाव कम करता है।
आधुनिक उपकरण जैसे एक्सेल या विशेषज्ञ ऐप्स इस डेटा को व्यवस्थित करने में मदद कर सकते हैं।
याद रखें, सही रिकॉर्ड‑कीपिंग ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है।
अंत में, यह सलाह दी जाती है कि आप अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट से परामर्श लें, ताकि सभी नियामकीय आवश्यकताओं को सटीक रूप से पूरा किया जा सके।

Ananth Mohan
Ananth Mohan अक्तूबर 25, 2025 AT 01:25

जब आप सभी फंड की खरीद‑विक्री डेटा एक जगह इकट्ठा करेंगे, तो रिपोर्टिंग काफी आसान हो जाएगी। Schedule C और Schedule S को सही क्रम में भरें, इससे बाद में कोई समस्या नहीं आएगी।

Abhishek Agrawal
Abhishek Agrawal अक्तूबर 30, 2025 AT 19:18

बिलकुल, इस नई व्यवस्था में हर छोटा‑छोटा बिंदु महत्वपूर्ण है, इसलिए देर न करो, फॉर्म में सभी विवरण भर दो, नहीं तो देर‑बाज़ी में कर‑भुगतान बढ़ेगा, और रिफंड में बाधा आएगी, क्योंकि आयकर विभाग अब कड़ी निगरानी में है।

Rajnish Swaroop Azad
Rajnish Swaroop Azad नवंबर 5, 2025 AT 14:11

सुंदर विचार, पर अंत में याद रखो-शांत रहना ही सबसे बड़ा निवेश है।

bhavna bhedi
bhavna bhedi नवंबर 11, 2025 AT 09:05

नवीनतम नियमावली में उल्लिखित बिंदुओं को ध्यान में रखकर अपना निवेश प्रबंधन करें; यह न केवल वित्तीय दृष्टि से सुरक्षित है बल्कि आयकर अनुपालन में भी सहायक सिद्ध होता है।

jyoti igobymyfirstname
jyoti igobymyfirstname नवंबर 17, 2025 AT 03:58

बहुत बधारा! थारी इन्फो तो सही ह। बस, रजिस्ट्री में ध्यन रखिं।

Vishal Kumar Vaswani
Vishal Kumar Vaswani नवंबर 22, 2025 AT 22:51

क्या आप जानते हैं कि इस छूट के पीछे सरकार की बड़ी योजना छिपी हुई है? 🤔 हर डेटा एंट्री को ट्रैक किया जा रहा है, सावधान रहें।

Zoya Malik
Zoya Malik नवंबर 28, 2025 AT 17:45

ऐसे नियम तो हमेशा बड़े निवेशकों को फ़ायदा पहुँचाते हैं, छोटे निवेशकों को नहीं।

Ashutosh Kumar
Ashutosh Kumar दिसंबर 4, 2025 AT 12:38

हैदराबाद का असली राजा यहाँ है, नया नियम तो बस एक और औज़ार है! थाम लो जल्दी!.

Gurjeet Chhabra
Gurjeet Chhabra दिसंबर 10, 2025 AT 07:31

अगर आप नयी छूट का सही उपयोग करना चाहते हैं तो हर लेन‑देन को लिख लें, इससे ITR भरते समय आसानी होगी।

AMRESH KUMAR
AMRESH KUMAR दिसंबर 16, 2025 AT 01:58

देश की प्रगति के लिए हमें हर टैक्स इंसेंटिव का पूरा फायदा उठाना चाहिए! चलो, मिलकर सही तरीके से फॉर्म भरें! 🚩

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