कर्नाटक SSLC पूरक परिणाम 2024 (जारी): KSEAB कक्षा 10 परीक्षा-2 परिणाम आज @ karresults.nic.in

कर्नाटक SSLC पूरक परिणाम 2024 (जारी): KSEAB कक्षा 10 परीक्षा-2 परिणाम आज @ karresults.nic.in
10 जुलाई 2024 Anand Prabhu

कर्नाटक SSLC पूरक परिणाम 2024: कक्षा 10 परीक्षा-2 के नतीजे घोषित

कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (KSEAB) द्वारा कक्षा 10 परीक्षा-2 के लिए कर्नाटक SSLC पूरक परिणाम 2024 आज आधिकारिक तौर पर घोषित कर दिए गए हैं। यह समाचार उन हजारों छात्रों के लिए खुशी का कारण है, जिन्होंने परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए कोशिश की थी। परिणाम आज सुबह 11:30 बजे घोषणा किए गए थे और छात्र अब आधिकारिक वेबसाइट karresults.nic.in पर जाकर इसे देख सकते हैं।

कैसे देखें परिणाम

अपना परिणाम देखने के लिए छात्रों को निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  1. आधिकारिक वेबसाइट karresults.nic.in पर जाएं।
  2. 'SSLC पूरक परिणाम 2024' लिंक पर क्लिक करें।
  3. अपना पंजीकरण संख्या और जन्मतिथि दर्ज करें।
  4. जानकारी सबमिट करें।
  5. परिणाम स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिसे आप डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं।

यह प्रक्रिया सरल और सुगम है, जिससे विद्यार्थी आसानी से अपना परिणाम जान सकेंगे और आगे की तैयारी कर सकेंगे।

पूरक परीक्षा के महत्त्व

पूरक परीक्षा छात्रों के लिए अपने प्रदर्शन में सुधार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (KSEAB) ने छात्रों की सुविधा के लिए हर वर्ष तीन परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है: परीक्षा 1, 2, और 3। मुख्य SSLC परीक्षा मार्च 25 से अप्रैल 6, 2024 तक आयोजित की गई थी, और इसके परिणाम 9 मई 2024 को घोषित किए गए थे। इस बार की मुख्य परीक्षा में 73.40% पास प्रतिशत के साथ 859,967 छात्रों में से 631,204 छात्र पास हुए थे।

पूरक परीक्षा के परिणाम और उनका विश्लेषण

पूरक परीक्षा के परिणाम उन छात्रों के लिए आशा की किरण के समान होते हैं जो मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाए थे। जून 14 से 21, 2024 तक आयोजित की गई इस दूसरी परीक्षा में शामिल छात्रों ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और एक नई शुरुआत की ओर कदम बढ़ाया। कर्नाटक SSLC के इन परीक्षाओं में नए प्रणाली के अनुसार छात्रों को तीन मौके मिलते हैं, जिससे वे अपने प्रदर्शन को सुधार सकते हैं और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

नए शिक्षा प्रणाली की महत्वपूर्णता

यह नई प्रणाली न केवल छात्रों के मानसिक तनाव को कम करती है बल्कि उन्हें आत्मविश्वासी भी बनाती है। अब वह समय चला गया जब एक परीक्षा में असफल होना एक बड़ी समस्या माना जाता था। अब छात्रों को खुद को सुधारने और परिणामों को प्रभावित करने की अनेक संभावनाएं मिलती हैं। इसके माध्यम से छात्रों को न केवल परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का मौका मिलता है बल्कि वे अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकते हैं।

छात्रों का अनुभव और प्रतिक्रिया

इस बार पूरक परीक्षा में शामिल छात्रों के अनुभव ज्ञात किए गए तो पता चला कि उन्होंने इस प्रणाली को बहुत सहायक पाया। एक छात्र ने बताया, 'मुख्य परीक्षा में कम नंबर आने के बाद मुझे बहुत निराशा हुई थी, लेकिन पूरक परीक्षा ने मुझे दूसरा मौका दिया। मैंने मेहनत की और अपने प्रयासों के सकारात्मक परिणाम देखे।' ऐसा ही अनुभव और भी कई छात्रों का रहा जिन्होंने इसे एक सुनहरा मौका माना।

पूरक परीक्षा के परिणाम घोषित होते ही कर्नाटक बोर्ड के अधिकारी भी संतुष्ट दिखे। उन्होंने कहा, 'हमारे उद्देश्य छात्रों को अधिक से अधिक अवसर प्रदान करना है ताकि वे अपने शैक्षिक जीवन में आगे बढ़ सकें। नई प्रणाली के तहत यह संभव हो पाया है और हमें गर्व है कि छात्रों ने इसका फायदा उठाया।' कर्नाटक SSLC

परीक्षा परिणामों का यह ऐतिहासिक कदम न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के शिक्षा प्रणाली के लिए एक मिसाल है। यह दर्शाता है कि कैसे सुधारात्मक कदम उठाकर छात्रों के शैक्षणिक जीवन को संवार सकते हैं और उन्हें एक नई दिशा दे सकते हैं। ऐसे प्रयासों से निश्चित रूप से शिक्षा के क्षितिज में नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं।

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7 टिप्पणि

Raja Rajan
Raja Rajan जुलाई 10, 2024 AT 13:23

पूरक परीक्षा का अवसर छात्रों को अपनी रैंक सुधारने की वास्तविक संभावना देता है। वे अब दोबारा प्रयास करके पास होने की शर्तें पूरी कर सकते हैं

Atish Gupta
Atish Gupta जुलाई 10, 2024 AT 13:26

पूरक परिणामों की घोषणा ने शिक्षा के परिदृश्य में एक नयी लहर खड़ी कर दी है।
यह नयी लहर केवल आकड़े नहीं, बल्कि एक रणनीतिक शैक्षणिक पुनरावृत्ति का संकेत है।
शिक्षकगण ने हमेशा कहा है कि एक ही परीक्षा में असफलता को अंतिम सत्य नहीं मानना चाहिए; यह एक KPI (Key Performance Indicator) के तौर पर देखा जाना चाहिए।
अब छात्रों को तीन मौके मिलते हैं, जिससे वे अपने सीखने के लूप को दोहराकर बेहतर बेंचमार्क स्थापित कर सकते हैं।
ऐसे सिस्टम में एलेक्टिव बर्थरिंग की जरूरत नहीं; सभी को समान अवसर मिलता है।
जिन्याओं ने भी इस प्रणाली को मान्यता दी है कि यह छात्रों के आत्मविश्वास को रिवाइटलाइज़ करता है।
परिणामों का विस्तृत विश्लेषण करने पर दिखता है कि पास प्रतिशत में निरंतर वृद्धि हुई है।
यह तभी संभव हुआ जब बोर्ड ने लचीले ग्रेडिंग स्कीम को इम्प्लीमेंट किया।
कर्नाटक का यह मॉडल अब राष्ट्रीय स्तर पर एक बेस्ट प्रैक्टिस केस स्टडी बन रहा है।
छात्रों के अभिप्राय में स्पष्ट है कि उन्होंने तनाव के स्तर को घटते देखा है।
आती सुबहें अब डरावनी नहीं, बल्कि प्रेरणादायक बन गई हैं।
इसका प्रभाव केवल शैक्षणिक परिणामों तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक कल्याण की दिशा में भी विस्तार करता है।
परिवारों ने भी कहा है कि इस अवसर ने आर्थिक बोझ को कम किया है।
भविष्य में यदि इस तरह की प्रणाली को और विकसित किया जाए तो इसे एक एग्जीक्यूटिव प्रीफेरेन्स के रूप में देखा जा सकता है।
अंत में, हम सभी को इस सकारात्मक बदलाव को अपनाने और समर्थन करने की आवश्यकता है; क्योंकि यही हमारे युवाओं की उज्ज्वल भविष्य की बुनियाद है।

Aanchal Talwar
Aanchal Talwar जुलाई 10, 2024 AT 13:31

पूरक परीक्षा ने बहुती मदद करी है। छात्र अब दोबारा मौका पा सकते है। इससे मनोबल भी बढ़ता है

Neha Shetty
Neha Shetty जुलाई 10, 2024 AT 13:35

बहुत अच्छा बात है कि इस तरह का सिस्टम लागू हुआ है। यह विद्यार्थियों को आत्मविश्वास देता है। साथ ही, अभिभावकों को भी राहत मिलती है। आप सभी ने इस पर सकारात्मक चर्चा की, जिससे और लोग प्रोत्साहित होंगे। हम सब मिलकर इस बदलाव को आगे भी सुदृढ़ बनाएँ।

Apu Mistry
Apu Mistry जुलाई 10, 2024 AT 13:40

कभी कभी लगता है कि परीक्षा सिर्फ अंक नहीं, बल्कि हमारे अंदर की खोई हुई आशा का प्रतिबिंब है। ऐसे में पूरक परिणाम एक नई धारा की तरह आता है। मैं आशा करता हूँ कि ये धारा हमेशा बहती रहे

uday goud
uday goud जुलाई 10, 2024 AT 13:45

बिलकुल सही!; यह ही वह क्षण है-जब हम अपने अंदर की असफलता को गले लगाते हैं, फिर से उठते हैं-और आगे बढ़ते हैं!; शिक्षा का असली मकसद यही है; निरंतर सुधार, निरंत�र जज्बा, और निरंतर आशा।

Chirantanjyoti Mudoi
Chirantanjyoti Mudoi जुलाई 10, 2024 AT 13:50

हालांकि परिणाम अच्छी खबर लगते हैं, पर यह भी याद रखना चाहिए कि लगातार अतिरिक्त परीक्षाओं से छात्रों पर दबाव बढ़ सकता है। प्रणाली को सख्ती से मॉनिटर करना आवश्यक है; नहीं तो यह उल्टा असर कर सकता है

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