इस्राइल-लेबनान सीमा पर बढ़ती तनाव की लहर, करीब 500 लोगों की मौत

24 सितंबर 2024
इस्राइल-लेबनान सीमा पर बढ़ती तनाव की लहर, करीब 500 लोगों की मौत

इस्राइल-लेबनान सीमा पर बढ़ती हिंसा

इस्राइल और लेबनान की सीमा पर तनाव तेजी से बढ़ रहा है। इस्राइल के हवाई हमलों के कारण लेबनान में करीब 500 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 35 बच्चे भी शामिल हैं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। इसके अलावा 1,645 लोग घायल हुए हैं। यह बलपूर्वक कार्रवाई दक्षिणी लेबनान और बेक्आ घाटी के कई क्षेत्रों में हुई है।

उपद्रव और हवाई हमले

लेबनान के विभिन्न गाँव और कस्बे इस हिंसा की चपेट में आ चुके हैं। इस्राइल ने उन इलाकों पर भी हवाई हमले किए हैं जहाँ हिज़बुल्लाह के भंडार माने जाते हैं। इन हमलों के कारण कई संरचनाएँ और इमारतें नष्ट हो गई हैं। एक हवाई हमला सीमा से लगभग 80 मील उत्तर में बाइब्लोस के पास तक पहुंचा।

हिज़बुल्लाह की प्रतिक्रिया

हिज़बुल्लाह ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इस्राइल पर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं। इस्राईली सैन्य अधिकारियों के अनुसार, नजीरत और अन्य उत्तरी क्षेत्रों में हवाई हमले की चेतावनी जारी की गई है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि रात भर रॉकेट और उनके अवरोधक गूंजते रहे।

भय और पलायन

दक्षिणी और पूर्वी लेबनान के निवासी अब सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपने घरों को छोड़ रहे हैं। इस्राइली सैन्य अधिकारी रियर एडमिरल डेनियल हागारी ने चेतावनी दी है कि वहाँ के लोग अपने घर खाली करें ताकि हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमलों के दौरान किसी तरह का नुकसान न हो।

लेबनान के सूचना मंत्री जियाद मकरी ने इस्राईली चेतावनियों की निंदा की है और इसे मानसिक दबाव बनाने की रणनीति बताया है। लेबनान के दक्षिणी क्षेत्रों के निवासियों को तात्कालिक कदम उठाने के लिए कहा गया है।

सड़कें और यातायात

सिडोन से बेरूत तक जाने वाला मुख्य मार्ग वाहनों से भरा पड़ा है, जबकि अनेक इस्राईली हवाई हमले लेबनान के भीतर गहरे छेत्रों में पहुँच चुके हैं। इस सफर के दौरान लोगों को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

मानवीय संकट

दोनों पक्षों की ओर से हो रहे हमलों के कारण वहाँ की जनता भय में जी रही है। बच्चों और महिलाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है। लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने के लिए आपातकालीन सेवाएँ जुटी हुई हैं।

इस्राइल और लेबनान के बीच इस टकराव से निकट भविष्य में कोई समाधान निकलना कठिन नजर आ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गंभीरतापूर्वक इस समस्या की ओर ध्यान देना होगा, ताकि मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके।

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