30 नवंबर 2024
ईशान किशन की अद्वितीय पारी ने क्रिकेट प्रशंसकों को कर दिया अभिभूत
अगर क्रिकेट के मैदान पर आग लगाने की बात हो, तो भारतीय क्रिकेट के युवा सितारे ईशान किशन का नाम अपने आप में चर्चा का विषय बन जाता है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के मुकाबले में झारखंड की ओर से खेलते हुए किशन ने मात्र 23 गेंदों पर नाबाद 77 रन बना डालें। ऐसा लग रहा था कि उनके हाथों के बल्ले की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही थी। इस पारी में किशन ने अपने कौशल का अद्वितीय प्रदर्शन किया, जिससे झारखंड ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ महज 4.3 ओवर में 94 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया। किशन का यह प्रदर्शन क्रिकेट की दुनिया में एक नई मिसाल पेश करता है।
किशन की आतिशी बल्लेबाजी
ईशान किशन की इस पारी की सबसे बड़ी खुशी की बात यह थी कि उन्होंने पांच चौकों और नौ छक्कों की बौछार कर रखी थी। उनका यह शक्तिशाली प्रदर्शन झारखंड के लिए किसी वरदान से कम नहीं था। किशन ने अपनी पारी में गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और पिच पर चारों ओर रन बरसाए। इस अद्भुत बल्लेबाजी ने न केवल उनकी टीम को जीत दिलाई, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी खुशखबरी का संचार कर दिया।
झारखंड की शानदार जीत
इस श्रृंखला में झारखंड की यह तीसरी जीत थी, जिससे वह अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर पहुंच गई। उत्तर प्रदेश के साथ नेक-टू-नेक मुकाबले में झारखंड अब नए जोश के साथ आगे बढ़ रही है। ऐसा पहली बार नहीं है जब झारखंड की टीम ने इतनी धमाकेदार जीत हासिल की है, लेकिन इस बार यह खास था क्योंकि युवा बल्लेबाज किशन ने अपने दम पर टीम को जीत दिलाई।
अतिरिक्त चल रही लीग की चर्चाएं
बाकी मुकाबलों में भी अनेक आकर्षक घटनाएं हुई। पंजाब के कप्तान हरप्रीत बरार ने मिजोरम के खिलाफ आखिरी ओवर में चार चौके और तीन छक्के जड़कर मैच को सुपर ओवर तक खींचा। सुपर ओवर में पंजाब ने आठ रनो की जीत दर्ज कर अपने खाते में दूसरी जीत हासिल की। दूसरी ओर, मुंबई के गेंदबाज शार्दुल ठाकुर को केरल के खिलाफ 69 रन देकर सबसे महंगे बोलिंग फिगर्स का सामना करना पड़ा। हालांकि, अनुभवी ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने अपनी छ्वादन फॉर्म जारी रखी, टूर्नामेंट में सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया और 231 रन बनाए।
दिल्ली का अनोखा प्रयोग
दिल्ली की टीम ने मणिपुर के खिलाफ सभी 11 गेंदबाजों का उपयोग किया, जो कि क्रिकेट इतिहास में एक अनूठा निर्णय था। इसे लेकर क्रिकेट फैन्स में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। जहां कुछ ने इसे रणनीतिक चाल के रूप में सराहा, वहीं कुछ ने इसे अत्यधिक प्रयोग के रूप में देखा। यह कदम निश्चित रूप से अन्य टीमों के लिए चर्चा का विषय बन गया।
इस तरह के प्रदर्शन प्रभावी रूप से क्रिकेट की विविधता और खिलाड़ियों की क्षमताओं को दर्शाते हैं। इन मुकाबलों ने दर्शकों को न केवल मनोरंजन दिया बल्कि उनके क्रिकेट के अनुभव को भी सुधारा।