
ईशान किशन की अद्वितीय पारी ने क्रिकेट प्रशंसकों को कर दिया अभिभूत
अगर क्रिकेट के मैदान पर आग लगाने की बात हो, तो भारतीय क्रिकेट के युवा सितारे ईशान किशन का नाम अपने आप में चर्चा का विषय बन जाता है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के मुकाबले में झारखंड की ओर से खेलते हुए किशन ने मात्र 23 गेंदों पर नाबाद 77 रन बना डालें। ऐसा लग रहा था कि उनके हाथों के बल्ले की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही थी। इस पारी में किशन ने अपने कौशल का अद्वितीय प्रदर्शन किया, जिससे झारखंड ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ महज 4.3 ओवर में 94 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया। किशन का यह प्रदर्शन क्रिकेट की दुनिया में एक नई मिसाल पेश करता है।
किशन की आतिशी बल्लेबाजी
ईशान किशन की इस पारी की सबसे बड़ी खुशी की बात यह थी कि उन्होंने पांच चौकों और नौ छक्कों की बौछार कर रखी थी। उनका यह शक्तिशाली प्रदर्शन झारखंड के लिए किसी वरदान से कम नहीं था। किशन ने अपनी पारी में गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और पिच पर चारों ओर रन बरसाए। इस अद्भुत बल्लेबाजी ने न केवल उनकी टीम को जीत दिलाई, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी खुशखबरी का संचार कर दिया।
झारखंड की शानदार जीत
इस श्रृंखला में झारखंड की यह तीसरी जीत थी, जिससे वह अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर पहुंच गई। उत्तर प्रदेश के साथ नेक-टू-नेक मुकाबले में झारखंड अब नए जोश के साथ आगे बढ़ रही है। ऐसा पहली बार नहीं है जब झारखंड की टीम ने इतनी धमाकेदार जीत हासिल की है, लेकिन इस बार यह खास था क्योंकि युवा बल्लेबाज किशन ने अपने दम पर टीम को जीत दिलाई।

अतिरिक्त चल रही लीग की चर्चाएं
बाकी मुकाबलों में भी अनेक आकर्षक घटनाएं हुई। पंजाब के कप्तान हरप्रीत बरार ने मिजोरम के खिलाफ आखिरी ओवर में चार चौके और तीन छक्के जड़कर मैच को सुपर ओवर तक खींचा। सुपर ओवर में पंजाब ने आठ रनो की जीत दर्ज कर अपने खाते में दूसरी जीत हासिल की। दूसरी ओर, मुंबई के गेंदबाज शार्दुल ठाकुर को केरल के खिलाफ 69 रन देकर सबसे महंगे बोलिंग फिगर्स का सामना करना पड़ा। हालांकि, अनुभवी ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने अपनी छ्वादन फॉर्म जारी रखी, टूर्नामेंट में सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया और 231 रन बनाए।
दिल्ली का अनोखा प्रयोग
दिल्ली की टीम ने मणिपुर के खिलाफ सभी 11 गेंदबाजों का उपयोग किया, जो कि क्रिकेट इतिहास में एक अनूठा निर्णय था। इसे लेकर क्रिकेट फैन्स में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। जहां कुछ ने इसे रणनीतिक चाल के रूप में सराहा, वहीं कुछ ने इसे अत्यधिक प्रयोग के रूप में देखा। यह कदम निश्चित रूप से अन्य टीमों के लिए चर्चा का विषय बन गया।
इस तरह के प्रदर्शन प्रभावी रूप से क्रिकेट की विविधता और खिलाड़ियों की क्षमताओं को दर्शाते हैं। इन मुकाबलों ने दर्शकों को न केवल मनोरंजन दिया बल्कि उनके क्रिकेट के अनुभव को भी सुधारा।
12 टिप्पणि
वाह! ईशान किशन ने तो धूम मचा दी 🤩. सिर्फ 23 गेंदों में 77 रन बनाना खुद में एक छोटी जीत है, लेकिन जुनून और कठोर मेहनत की बड़ी कहानी है। इस तरह की पारी टीम को आत्मविश्वास देती है और आगे के मैचों में ऊर्जा भी बढ़ाती है।
सच पूछो तो इस पारी को साहित्यिक उत्कृष्टता का उदाहरण कहा जा सकता है, जैसे शेक्सपियर ने अपनी रचना में शब्दों को संगीत बना दिया था। ईशान के प्रत्येक शॉट में न केवल शक्ति थी, बल्कि शिल्पकला भी चमक रही थी। ऐसे प्रदर्शन को देखकर लगता है कि युवा पीढ़ी ने क्रिकेट को एक नई परस्परावर्ती कला में बदल दिया है। उनके इस सामर्थ्य को देखते हुए ही हमें आशा करनी चाहिए कि भविष्य में भारत की पिच पर ऐसे ही सितारे उजागर होते रहेंगे।
भाई, असली बात तो ये है कि गेंदबाजों को वो पागलपन देखना नहीं मिला, बल्कि ईशान ने उन्हें चकमा दे दिया। उसकी बैट से निकलते शॉट्स ऐसा था जैसे हर बॉल में धूप का टुकड़ा छुपा हो।
ईशान की इस पारी को देख कर मन में कई विचार उमड़ते हैं।
पहला, वह दिखाता है कि युवा खिलाड़ियों में कितनी असीम क्षमता निहित है।
दूसरा, इस प्रकार के प्रदर्शन से टीम की आत्मविश्वास में एक नया आयाम जुड़ जाता है।
तीसरा, सात चौके और नौ छक्के बॉलों के बीच में ऐसा घातक हमला करना किसी भी प्रतिद्वंद्वी के लिए भयावह हो सकता है।
चौथा, यह पारी स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि बल्ले की तकनीक और शक्ति दोनों का संतुलन कब और कैसे साधना चाहिए।
पांचवा, हमारे स्थानीय मैदानों पर इस तरह के खिलाड़ी उभरते देखना बहुत प्रेरणादायक है।
छठा, इसे देखते हुए यह महसूस होता है कि भविष्य में भारत की टीम के पास ऐसा जोश और उत्साह होना चाहिए।
सातवां, इस पारी में ईशान ने अपनी मानसिक दृढ़ता भी साबित की, क्योंकि वह हर डिलीवरी को बिना भय के खेला।
आठवां, यह हमें सिखाता है कि सीमित ओवरों में भी बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।
नवां, इस पारी ने टीम को केवल 4.3 ओवर में लक्ष्य तक पहुंचाया, जिससे रणनीति का महत्व स्पष्ट हो गया।
दसवां, यह दिखाता है कि कब और कितनी तेजी से स्कोर बनाना है, इसका सही अंदाज़ा होना चाहिए।
ग्यारहवां, इस प्रकार के प्रदर्शन से युवा खेल प्रेमियों को भी प्रेरणा मिलती है कि उन्हें भी अपने सपनों को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए।
बारहवां, क्रिकेट का यह रंगीन पहलू दर्शकों को उत्साहित करता है और स्टेडियम को जीवंत बनाता है।
तेरहवां, इस पारी में दर्शकों की ध्वनि प्रतिक्रिया भी उल्लेखनीय थी, जो खिलाड़ी के उत्साह को और बढ़ाती थी।
चौदहवां, अंततः यह सब मिलकर यह सिद्ध करता है कि टीम में हर खिलाड़ी का योगदान महत्वपूर्ण है, चाहे वह एक ओवर में ही क्यों न हो।
पंदरहवां, इस सब को देखते हुए हमें यह समझना चाहिए कि भविष्य में ऐसे ही युवा सितारे हमारे खेल को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।
इतना शानदार खेल देखना हमेशा मोटिवेट करता है।
क्या बात है! इधर बॉल्स की कमी है, उधर ईशान की आक्रमण शक्ति का ठेका नहीं है!!! इस पारी में अगर कोई बेइज़्ज़ती की बात करे तो वो तो सीधे ही गलती कर रहा है!!!
क्या बात है! इस धाकड़ पारी को देखना दिल धड़काने वाला था।
इसी तरह के प्रदर्शन से टीम का आत्मविश्वास बढ़ता है और भविष्य में और भी बड़ी जीत की संभावना बनती है
इहह्ह ईशान ने तो बख्लो हिट मारके बॉल खा लिया... मोस्ट बेस्ट !
लगता है कि इस ट्रॉफी में कुछ गुप्त एजेंडा है, क्योंकि कभी-कभी मिलते हैं वो बॉल्स जो फेयर नहीं होते 😏. ईशान की पारी भी शायद एक बड़े प्लान का हिस्सा थी, जिससे इस श्रृंखला का परिणाम तय हो गया।
ऐसे झलकते पेपर गोल्डी प्रदर्शन के पीछे अक्सर अंडरलाइनिंग फेक्स होते हैं, इसलिए सबको सतर्क रहना चाहिए।
अगर ऐसे ही चलता रहा तो इधर की सारी टीमें झक्की हो जाएँगी, और हमें नई रणनीति की जरूरत है!