
भारत-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: नए युग की शुरुआत
वैश्विक व्यापार में हलचल तब बढ़ गई जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने एक ऐतिहासिक भारत-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर अपने मजबूत इरादे दोहराए। इस समझौते पर 6 मई 2025 को दस्तखत हुए, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों को नई ऊंचाई मिलेगी। FTA का मकसद हर तरह की व्यापारिक रुकावटों को हटाकर दोनों देशों के बीच कारोबारी बढ़त को सुनिश्चित करना है।
समझौते का सबसे अहम हिस्सा है Double Contribution Convention, जिसके तहत अब भारतीय प्रोफेशनल्स जो UK में अस्थाई तौर पर काम कर रहे हैं, उन्हें वहां के सोशल सिक्योरिटी सिस्टम में डबल टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इससे भारतीय पेशेवरों के बोझ में बड़ी कमी आएगी, वहीं UK की कंपनियों को भी उच्च कुशल भारतीय टैलेंट तक पहुंचने में आसानी होगी।

व्यापार और निवेश में जबरदस्त फायदा
मुख्य बिंदूओं में से एक है टैरिफ में भारी छूट। अगले 10 साल में UK के 90% सामान – जैसे प्रसिद्ध स्कॉच व्हिस्की (जिस पर टैक्स सीधे 150% से घटाकर 40% कर दिया जाएगा), कारें, टेक्नोलॉजी उपकरण वगैरह – भारतीय बाजार में मिलेंगे, वहीं भारतीय निर्यात (टेक्सटाइल्स, जूलरी, फूड) का 99% हिस्सा UK में बिना किसी ड्यूटी के पहुंचेगा। सोचिए, भारतीय कारीगरों के लिए यह कितना बड़ा मौका है, जिनके उत्पाद सीधे ब्रिटिश बाजार तक बिना अतिरिक्त लागत के पहुंचेंगे।
सरकारी आकड़ों के मुताबिक, ये भारत-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट 2040 तक दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार को $25.5 अरब तक लाने की क्षमता रखता है। ब्रिटेन का अनुमान है कि इससे अगले 15 साल में उनकी GDP में £4.8 बिलियन की वृद्धि होगी। दो गुना व्यापार होने का लक्ष्य रखा गया है—वर्तमान $20 अरब से $40 अरब तक का सफर आसान नहीं, लेकिन इस समझौते के साथ मुमकिन लगता है।
- भारतीय टेक्सटाइल, मसाले, खाद्य उत्पाद, आभूषण, जेम्स और इंजीनियरिंग माल UK में धड़ल्ले से बिकेंगे।
- ब्रिटेन की ऑटो, शराब, तकनीकी और स्वास्थ्य सेवाएं भारत में पहुंचेंगी।
- टैरिफ में धीरे-धीरे छूट दी जाएगी—जिससे दोनों देशों के बाजारों को स्थिरता मिलेगी।
- इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन के नए रास्ते खुलेंगे, स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा मिलेगा।
- हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी—खासकर युवा पेशेवरों के लिए।
दोनों प्रधानमंत्री इस समझौते को केवल व्यापारिक दस्तावेज नहीं मानते, बल्कि इसे रणनीतिक सहयोग और जनता से जनता के रिश्तों के लिए एक नए युग की नींव कहते हैं। PM मोदी ने PM स्टारमर को भारत आने का आमंत्रण दिया—मकसद साफ है, दोनों देश ना सिर्फ व्यापार बल्कि कूटनीति में भी साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।
ऐसे समझौतों से भारत की वैश्विक मौजूदगी और प्रभाव बढ़ता है। अब देखने वाली बात होगी कि अगले कुछ सालों में यह साझेदारी ग्राउंड लेवल पर कैसे बदलाव लाती है—क्या सच में भारतीय कारीगरों और ब्रिटिश निर्माताओं की जिंदगी बदलती है? वक्त के साथ इसका असर साफ दिखेगा।
5 टिप्पणि
यह समझौता भारत की संप्रभुता और आर्थिक शक्ति को सशक्त बनाने की दिशा में एक सफल कदम है।
बिलकुल सही कहा भाई, अब हमारे कारीगरों को यूके में बिना टैरिफ के अपना सामान बेचने का सुनहरा मौका मिलेगा।
कदम उठाने में देर नहीं करनी चाहिए, वरना मौका हाथ से निकल जाएगा।
इस समझौते से भारत की निर्यातक शक्ति को नई ऊर्जा मिलेगी।😊
यूके का बड़ा बाजार भारतीय वस्त्र, मसाले और हस्तशिल्प के लिए खुला है।
डबल कॉन्ट्रिब्यूशन क्लॉज़ से हमारे पेशेवरों को दोहरी टैक्स की झंझट नहीं रहेगी।
इसके चलते विदेश में काम करने वाले भारतीयों का जीवन तनावमुक्त होगा।
छोटे उद्यमियों को भी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा।
निवेशकों को अब यूके में भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश करने की आसानी होगी।
यह सहयोग सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि तकनीकी और स्वास्थ्य सेवाओं में भी विस्तार होगा।
कई युवा इंजीनियर और डॉक्टर अब यूके में प्रशिक्षण ले सकेंगे बिना अतिरिक्त टैक्स बोझ के।
हमारी अर्थव्यवस्था को विविधता मिलेगी और निर्यात पर निर्भरता कम होगी।
यह समझौता दो देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत करेगा।
निरंतर संवाद और पारस्परिक विश्वास के साथ यह सहयोग फल देगा।
इस अवसर को नज़रअंदाज़ करना ही अपने ही भविष्य को नुकसान पहुंचाना होगा।
हमें सहयोगी भावना के साथ इस प्रस्ताव को लागू करने में संलग्न होना चाहिए।
आशा है कि अगले कुछ वर्षों में व्यापार का आँकड़ा दोगुना हो जाएगा।📈
अंत में, यह कदम भारत को वैश्विक मंच पर और अधिक सम्मान दिलाएगा।🌍
वास्तव में, यह करार मानवीय विवेचना एवं आर्थिक बहुप्रस्थता का एक उत्तम उदाहरण प्रतीत होता है।✨
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक सिद्धांतों के प्रतिरूप में यह पहल भारत-यूके के गठबंधन को नई ऊंचाइयों पर स्थापित करेगी।
उच्चस्तरीय व्यावसायिक अभिकर्मों के बिना इस संदेश का प्रभाव कम नहीं आँका जा सकता।
आशा है कि इस समझौते के अभिसंधान में सृजनात्मकता एवं नवाचार का संचार होगा।😊
देखा भाई, बात तो बड़ी सटीक निकली, पर असली असर देखना पड़ेगा फ़ील्ड में।
चलो, अब इंतजार नहीं, सबको मिलकर इस मौके से फ़ायदा उठाते हैं।